बड़कोट : निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार की विजय शंखनाद रैली में उमड़ा जनसैलाब।।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष की रैली से कई अधिक भीड़ जुटी बॉबी पंवार के रैली में।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी 15, अप्रैल। सोमवार को नगरपालिका बड़कोट में टिहरी लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार के रैली में उमड़ा जनसैलाब
ने सीधे- सीधे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को बड़ा चेलेंज दे दिया है। दरअसल सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मसूरी में महारानी राज्य लक्ष्मी के प्रचार में रैली की, लेकिन जिस प्रकार से विश्व की सबसे बड़े पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रैली में भीड़ थी उससे कई अधिक भीड़ बेरोजगारों नेता बॉबी पंवार के रैली में हजारों की संख्या में लोग बड़कोट की सड़कों पर दिखाई दिए। बड़कोट सहित यमुना घाटी में सोमवार इस बात की चर्चा रही कि आखिरी दुनिया की सबसे बड़ी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मसूरी में रानी जी के प्रचार में आए हैं वहां हजारों कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों में भर -भर करके लोगों की भीड इकट्ठी की लेकिन बड़कोट में लोग स्वयं अपने गाड़ी और पैदल चलकर निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार के रैली में शामिल हुये है इससे भाजपाइयों के माथे पर चिंता की लकीर खींच गए हैं।
सोमवार को निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार की मां हजारों समर्थकों के साथ सड़कों पहुंची तो लोगों ने गर्म जोशी से उनका फूल मालाओं एवं ढ़ोल बाजे से जोरदार स्वागत किया।
इस दौरान बॉबी पंवार की मां प्रमीला ने कहा कि मैं सिर्फ जन्म देने वाली हूं। अब बॉबी आपका सबका बेटा है। मेरा बेटा चुनाव नहीं लड़ रहा, बल्कि टिहरी संसदीय क्षेत्र की महान जनता चुनाव लड़ रही है। इस दौरान अन्ना हजारे टीम के सदस्य भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि वह लंबे समय से सड़कों पर संघर्ष करते आ रहे हैं। बड़ी खुशी होती है कि जिस समाज के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है।
बाद में वरिष्ठ नेता भजन सिंह चौहान, जोगेंद्र चौहान, रविन्द्र चौहान, सकल चंद आर्य, मनमोहन रावत, भूपेंद्र चौधरी, वासुदेव डिमरी, वरिष्ठ पत्रकार विजेंद्र रावत, किशन सिंह रावत,
आदि ने भारी जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा हम बेरोजगारों के नेता निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार के साथ है। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार एवं बेरोजगारों की लड़ाई लड़ रहा है। हजारों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने इस समय निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार को भारी मतों से विजई देने का आश्वासन दिया। बता दें कि गांव के गांव गांव दरगाह से लोग प्रत्याशी को अपना-अपना समर्थन लिखित रूप में भी दे रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से सरनौल ,भाटिया, नगाण गांव ,कुर्सिल, कुथनौर,पाली, कुपडा ,पिंडकी ,मधेश, राना, को सहित कई दर्जन गांव पूर्व में अपना समर्थन दे चुके हैं।
मंच कासंचालन महावीर सिंह पंवार ने किया।
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टिहरी संसदीय क्षेत्र में राजा और प्रचा की लड़ाई :बॉबी पंवार ।।
युवाओं की हूंकार से हिलने लगे राजशाही के चूल्हे ।।
उत्तरकाशी 15, अप्रैल। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के लिए मजह चार दिन रह गये हैं। जाहिर है कि भाजपा और कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारक को अपने प्रत्याशियों के समर्थन में धुंआधार प्रचार करने उतार रखें हैं उनके पास चुनावी बॉन्ड से लेकर तमाम संसाधन हैं। लेकिन टिहरी संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय ( बेरोजगारों) के प्रत्याशी बॉबी पंवार के पास न तो कोई इलेक्ट्राल बॉंड का पैसा है और न गरीब जनता के विकास के हिस्से का कमीशन है और ना स्टार प्रचारक हैं। इसके बावजूद भी बॉबी पंवार ने राजशाही की चूलें हिला रखे हैं। भाजपा और कांग्रेस सहमे हुए हैं कि कहीं टिहरी में उलटफेर न हो जाएं।
बॉबी पंवार
की जनसभाओं में जिस तरह से भीड़ जुट रही है। स्वाभाविक है कि भाजपा-कांग्रेस अंदर से हिली हुई हैं। रानी को तो नींद नहीं आ रही होगी। लोगों का मानना है कि इस समय मौका है कि जो नेता टिहरी संसदीय क्षेत्र को खेती समझते थे अब भूल जाय क्योंकि इस बार टिहरी संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार चुनाव नहीं लड रही बल्कि राजा और प्रजा चुनाव । अब देखना होगा कि राजा महारानी बड़े है कि जनता ? टिहरी संसदीय क्षेत्र का बड़ा दुर्भाग्य रहा कि राज्य आंदोलन के सबसे बड़ी कमी यही थी कि उस आंदोलन ने यहां एक भी जननेता नहीं दिया। इसका खमियाजा यहां के लोग पिछले 23 साल से भुगतना पड़ रहा हैं।
लेकिन उत्तराखंड में नक़ल माफियों की कमर तोड़ने के लिए बॉबी पंवार ने जो आंदोलन किया उससे बॉबी पंवार एक मजबूत नेता के रूप में उभर कर आया है। यही वजह रही कि वे आज बॉबी पंवार अपने दम पर इतनी भीड़ जुटा रहा है ऐसा नेता अभी किसी दल के पास नहीं है। बॉबी पंवार की सभाओं में लोग अपने आप खिचे चले आ रहे हैं। जबकि राष्ट्रीय दलों के सभाओं में भीड़ गाड़ियों में भर भर कर की जा रही है। इस बार बेरोजगार आंदोलन ने हमें एक युवा और लोकप्रिय नेता दे दिया है। बशर्ते वह चुनाव के बाद भाजपा या कांग्रेस की गोदी में न बैठ जाएं।