उत्तरकाशी “नरू बिजुला ” रासो गीत पर थिरके होमगार्ड जवान
आपदा में उत्कृष्ट कार्य करने पर सम्मानित हुए होमगार्ड जवान
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी : होमगार्ड के 63 वां स्थापना दिवस 25 वीं रजत जयंती के अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पुरूस्कार वितरण के साथ संपन्न हुआ है।
मंगलवार को जोशियाडा में होमगार्ड का स्थापना दिवस लोक गायक राम कौशल सांस्कृतिक दल ने
अपनी कार्यक्रम की शुरुआत उत्तराखंड के पारंपरिक जागरण गीत “दैणा होयाँ खोली का गणेशा”, भगवान गणेश आह्वान से शुरू किया है। उसके बाद रासो लगी मेरी चैयता, मेरी बिदुंला , नरू बिजुला गढ़वाली रासो गीत पर होमगार्ड जवानों को भी थिरकने को मजबुर किया है।
कार्यक्रम में लोक गायिका आशा अग्रवाल ने समा बांधा है।
मंच का संचालन सुनील सजवाण
बता दें कि उत्तराखंड होमगार्ड्स के कमांडेंट जनरल डॉ. पीवीके प्रसाद की पहल व निर्देश पर पहली बार प्रदेश भर के जिलों में होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
इसी के तहत उत्तरकाशी जोशियाडा में पहली बार जिला स्तरीय होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि
पुलिस उपाधीक्षक जनक सिंह पंवार,
विशिष्ट अतिथि अजीत आइटीबीपी असिस्टेड कमांडर मातली नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के उप प्रधानाचार्य कैप्टन संतोष कुमार, कोतवाली निरीक्षक भावना कैथौला, होमगार्ड के जिला कमांडेंट विजयपाल चौपड़ियाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम कि शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथियों ने कहा कि होमगार्ड्स जवानों के काम पुलिस से कम नहीं हैं। दैवीय आपदा , चारधाम यात्रा,भूकंप, महामारी, आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था कि उन पर पूरी जिम्मेदारी होती है। इस दौरान चारधाम यात्रा आदि में उत्कृष्ट कार्य करने पर नौ होमगार्ड जवानों को जिलाधिकारी के द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
वहीं धराली आपदा में उत्कृष्ट कार्य करने पर कमाण्डेन्ट होमगार्ड्स उत्तरकाशी
विजयपाल चौपड़ियाल ने 20 जवानों को सम्मानित किया है।
स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों से होमगार्ड्स के जवानों का मनोबल बढ़ा है। होमगार्ड्स हर विकट परिस्थिति में कर्तव्य निष्ठा के साथ अपने कार्यों को करते हैं। कहा कि विभाग में ऐसे कई महिला और पुरुष जवान हैं, जिन्होंने बेहतरीन कार्यक्षमता के दम पर, समाज में अपनी खास पहचान बनाई है।
इस मौके पर शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। गया।
इस दौरान सरल निरंजन कुटिया के स्वामी श्री अनुज महाराज,
तरुण कुमार सहायक जिला, इलीआस अहमद, जगमोहन सिंह रावत, मुराडी गुसाईं, महावीर सिंह पंवार, कांग्रेस नेता कमल सिंह रावत, भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरीश डंगवाल, पूर्व जिला पंचयात सदस्य मनोज मीनान
आदि मौजूद रहे है।
कार्यक्रम का सफल संचालन तरूण कुमार ने किया।
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पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ड्यूटी दे रहें होमगार्ड के जवान
उत्तरकाशी : देशभर में पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चौराहा हो या दंगा ग्रस्त इलाका, चुनाव हो या फिर सरकारी दफ्तर। हर जगह पर पुलिस के छोटे भाई की तरह नजर आने वाले होमगार्ड का स्थापना 6 दिसंबर के दिन हुई थी । क्या है होमगार्ड का इतिहास? कैसे काम करता है नागरिकों का ये स्वैच्छिक संगठन? और उत्तराखंड की दैवीय आपदा और चारधाम यात्रा व्यवस्था में कितना महत्वपूर्ण है उत्तराखंड का होमगार्ड जवान।
यूं तो होमगार्ड विभाग का इतिहास आजादी से पहले का है। 1946 में जब मुंबई प्रांत में सांप्रदायिक दंगे हो रहे थे, कानून-व्यवस्था बिगड़ रही थी। ऐसे हालात में पुलिस के साथ मदद के लिए गृह रक्षक संगठन यानी होमगार्ड की स्थापना की गई। ये एक ऐसा संगठन था जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर से लेकर वो नौजवान शामिल थे जो अपने रोजमर्रा के अलावा समाज की बेहतरी के लिए स्वैच्छिक तौर पर काम करना चाहते थे। आजादी के बाद इस संगठन को विस्तार नहीं दिया जा सका. लेकिन, 1962 के चीन युद्ध में एक बार फिर पुलिस को मददगारों की जरूरत महसूस हुई और 6 दिसंबर 1962 को गृह रक्षक संगठन का पुनर्गठन किया गया।तभी से होमगार्ड महकमा अपना 6 दिसंबर को स्थापना दिवस मनाने लगा।
लेकिन, 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा गिराया गया तो पूरे देश का माहौल बिगड़ गया और इस तारीख के बाद होमगार्ड का स्थापना दिवस समारोह भी महक फर्ज अदायगी बनकर रह गया।
विभाग दिसंबर 2025 को अपना 63वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है।
उत्तरकाशी जनपद में
247 जवान है इनमें 32 महिला जवान भी शामिल हैं।



