विमलेश्वर मंदिर में चल रहे शिव महापुराण कथा में उमड़ रहा भारी हूजूम ।।
छल कपट करने वाला कभी खुश नहीं रहता रह सकता : आचार्य महामाया
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी। वरुणावत शिखर पर स्थित विमलेश्वर मंदिर में चल रही शिव महापुराण कथा में भारी संख्या में कथा स्रोताओं की हूजूम उमड़ रहा है।
कथा वक्ता आचार्य महामाया प्रसाद ने शिवमहापुराण कथा के सप्तम दिवस पर शुक्राचार्य, बाणासुर आदि की प्रसंग सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि दूसरे के साथ कपट करना ठीक नहीं है। इसका परिणाम कभी अच्छा नहीं निकला है। कपट करने वाला मानसिक तनाव और मनोविकार से पीड़ित हो जाता है। जो छल कपट करते हैं वे हमेशा तनाव की जिंदगी जिया करते हैं।
कथा वक्ता ने कथा से अर्जित ज्ञान को जीवन में उतारने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भगवान को पाने के लिए पात्रता की आवश्यकता है योग्यता की नहीं। कोई भी मनुष्य जन्म से महान नहीं होता है, उसके कर्म उसको महानता के शिखर तक पहुंचाते है। कहा कि शिव कथा सुनने से मनुष्य का कल्याण होता है। जाने अनजाने में किए पाप को मुक्त कराने का मार्ग शिव कथा से ही निकलता है। भस्म, रूद्राक्ष और शिव नाम में अगला त्रिवेणी महापुण्य है। शिव नाम में गंगाजी, भस्म नाम यमुन लेख रुद्राक्ष नाम सरस्वती है। शिव नाम अग्नि के समान है। जो महापाप रूपी पर्वत को भस्म करने वाला है। पाप और बाप से निर्मित यह मनुष्य शरीर एक दिन अवश्य धोखा देगा। काल आए उससे पहले महाकाल की शरण में जाना चाहिए। उत्तरकाशी जिले के विमलेश्वर महादेव मंदिर के चल रहे शिव महापुराण में
बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी महिमा पुराणों में मिलती है। खास बात यह है कि यहां सुबह-सुबह ही कोई अनजान शक्ति भगवान शिव का जलाभिषेक और पूजा करने आती है।यही नहीं शिवलिंग पर कई बार जंगली पुष्प अर्पित किए हुए भी मिलते हैं। वहीं इस रहस्य से आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है।
इस दौरान डॉ. दुर्गेश आचार्य महाराज, ग्राम प्रधान संग्राली संदीप संग्रा पटाके ग्राम प्रधान नरेश चौहान, बुग्याल गांव प्रथम नेगी, समिति अध्यक्ष प्रदुमन नौटियाल, सचिव जयेंद्र सिंह चौहान, जिला पंचायत प्रतिनिधि हंसराज चौहान, कोषाध्यक्ष विजय लाल नैथानी, क्षेत्र पंचायत सदस्य विमला नैथानी, पूर्व पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल, कृष्णा नंनद मिश्रा,देवेन्द्र सिंह चौहान, सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं मौजूद रहे हैं।