सौरमंडल  में चुनाव, धरती लोक पर हो सकती बड़ी हल चल : आचार्य  घिल्डियाल

By sarutalsandesh.com Feb 2, 2025

सौरमंडल में आज आदर्श आचार संहिता हुई लागू।।

पृथ्वी लोक पर भूकंप ,  व राजनीतिक उठक- पठक होने की भविष्यवाणी

चिरंजीव सेमवाल
देहरादून। सौरमंडल में नवग्रहो एवं 27 नक्षत्रों,तारामंडल के बीच वार्षिक चुनाव का बिगुल बज गया है,और आज बसंत पंचमी से सौरमंडल की नई सरकार के गठन तक आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। उत्तराखंड ज्योतिष रत्न ने पृथ्वी लोक पर भूकंप ,  व राजनीतिक उठक पठक की भविष्यवाणी की है जिससे लोगों को भूकंप का डर सता ने लगा है।
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न एवं सौर वैज्ञानिक आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल “दैवज्ञ” विश्लेषण करते हुए बताते हैं ,कि सौरमंडल में मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी इस वर्ष न्यायाधिकारी शनिदेव को दी गई है। ब्रह्म मुहूर्त में सौरमंडल में राजा  सूर्य नारायण की अध्यक्षता में नवग्रहो, 27 नक्षत्रों एवं अन्य सदस्यों की उपस्थिति में 30 मार्च तक सौरमंडल की नई सरकार गठित करने का संकल्प पारित किया गया।
आचार्य दैवज्ञ बताते हैं ,कि बैठक का संचालन करते हुए वर्तमान संवत्सर के राजा मंगलदेव ने कहा कि चुनाव निष्पक्ष संपन्न हो इसके लिए न्यायाधीश एवं दंडाधिकारी शनिदेव को मुख्य चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है ,बताया कि चुनाव की तिथि 29 मार्च को रखी गई है इसलिए आज  रविवार को बसंत पंचमी से पूरे सौरमंडल में नई सरकार के गठन तक आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी।
सौर वैज्ञानिक आचार्य दैवज्ञ ने बताया कि प्रतिवर्ष नवग्रहो , नक्षत्रों  और तारामंडल के सदस्यों का चुनाव संपन्न होता है, उसमें नए संवत्सर के लिए राजा और मंत्री सहित मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों का भी चुनाव होता है, इस आधार पर नए संवत्सर की भूमिका तय होती है, कि वह पृथ्वी लोक के लिए कैसा रहेगा?

राजगुरु के नाम से प्रसिद्ध आचार्य श्री ने बताया कि सौरमंडल में आचार संहिता के बीच पृथ्वी लोक पर भूकंप , अग्निकांड तथा राजनीतिक उठक पठक हो सकती है, इसलिए सभी लोग पूजा पाठ का आसरा अवश्य लें विशेष रूप से यह संकट उत्तरकाशी ,पिथौरागढ़ और चमोली,रुद्रप्रयाग जनपदों में हो सकता है, इसलिए सरकार को सावधान रहना चाहिए।
गौरतलब है कि ज्योतिष रत्न द्वारा की गई भविष्यवाणी से हमेस सटीक रही है। इन दिनों उत्तरकाशी जिला भूकंप के एक सप्ताह में नौ बार भूकंप के झटके महसूस हुये ।
इतना ही नहीं उत्तराखंड  जैसे संवेदनशील राज्य में भूकंप को लेकर वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं। वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून के वैज्ञानिकों के मुताबिक, हिंदुकुश पर्वत से नार्थ ईस्ट तक का हिमालयी क्षेत्र भूकंप के प्रति अत्यंत संवेदनशील है, लेकिन भूंकप जैसे खतरों से निपटने के लिए इन राज्यों में कारगर नीतियां नहीं, जो चिंताजनक है।

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