शिक्षा के साथ संस्कारों का होना जरूरी : लवदास

By sarutalsandesh.com Feb 2, 2025

उच्च तकनीक युद्ध का एक नया युग  शुरू हो गया है

सनातन धर्म पर संकट आया तो कोई भी संप्रदाय सुरक्षित नही

चिरंजीव सेमवाल

उत्तरकाशी: वृंदावन के प्रख्यात कथा वक्ता संत लवदास जी महाराज ने कहा कि प्रौद्योगिकी ने युद्ध के मैदान को बदल दिया है। आज दुनिया भर के विरोधी देश एक दूसरे पर तकनीकी से युद्ध कर रहे हैं।
उसी तरह कुछ विधर्मियों द्वारा भी सनातन धर्म का भ्रम फैलाने कि नापाक हरकते कर  रहे है। उन्होंने ने कहा कि अगर भारत सुरक्षित रहेगा, तो भारत में हर धर्म और संप्रदाय सुरक्षित रहेगा। अगर भारत पर संकट आएगा, तो वह संकट सनातन धर्म पर पड़ेगा और अगर भारत पर संकट आएगा, तो भारत में कोई भी संप्रदाय सुरक्षित महसूस नहीं करेगा। इसलिए संकट पैदा नहीं होना चाहिए। लिहाजा एकता का संदेश महत्वपूर्ण है
एकता को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि सनातन धर्म मजबूत होगा तो भारत मजबूत रहेगा।
संत लवदास जी महाराज ने कहा कि आज हमारे पढ़े-लिखयुवा पीढ़ी संस्कार भी होते जा रहे हैं कहीं  न कहीं ये सब पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि  बच्चों के सर्वांगीण विकास और देश के नवनिर्माण के लिए शिक्षा के साथ संस्कारों का होना नितांत आवश्यक है। शिक्षा और संस्कार के अभाव में हमारा युवा विचार हीनता और आदर्श शून्यता के भंवर में डूब सकता है।
शिक्षा के साथ संस्कारों का समावेश कर समाज में आत्मचेतना, आत्मविश्वास और जागरुकता का समावेश किया जा सकता है। यह बात संत लवदास जी महाराज ने थान गांव में 11 दिवसीय शिव महापुराण कथा के बाद सरूताल संदेश संपादक से विशेष बातचीत में कही । उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ना अच्छी बात है लेकिन अच्छे संस्कार देने भी जरूरी है। ऐसे भी बहुत उदाहरण कि पुत्र पिता के अंतिम संस्कार के दिन अग्नि देने के लिए भी नहीं आ पा रहे हैं

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *