मोबाइल एप करेगा फॉरेस्ट फायर रोकने में मदद: बलूनी
उत्तरकाशी वनाग्नि रोकने को बनाए गए 143 क्रू स्टेशन
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी: वन विभाग जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण के लिए तकनीकी मदद ले रहा है। इस दौरान नए प्रयोगों के जरिए वनाग्नि रोकथाम के प्रयास भी किए जा रहे हैं। सोमवार को कोट बंगला उत्तरकाशी में प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी ने मीडिया कै बताया कि
सूचना प्रबंधन प्रणाली को डिजिटलाइज करते हुए विभाग ने फॉरेस्ट फायर उत्तराखंड मोबाइल एप विकसित किया है।
उन्होंने बताया कि जंगलों की आग पर रोकथाम के लिए रिस्पांस टाइम को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विभाग ने हाल ही में फॉरेस्ट फायर उत्तराखंड मोबाइल एप विकसित किया है। इस एप के माध्यम से विभाग का दावा है कि वनाग्नि के दौरान रिस्पांस टाइम में बेहद कमी लाई जा सकेगी।
प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी ने बताया कि जिले भर में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिले के सातों वन प्रभागों में वनाग्नि नियंत्रण के लिए कुल 143 फायर क्रू स्टेशन स्थापित किए गए हैं। वहीं आगामी 13 फरवरी को मॉक ड्रिल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिले भर में लगभग 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में चीड वन फैले होने के कारण यह क्षेत्र वनाग्नि के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील है। वनाग्नि के प्रति संवेदनशील स्थानों पर एहतियाती उपाय पहले से सुनिश्चित किए गये है । इसके लिए चीड़ वृक्षों की सघनता वाले क्षेत्रों से गुजरने वाली सड़कों और आबादी के निकटवर्ती स्थानों से पिरूल हटाने और फायर लाईनों की सफाई जैसे कार्य प्राथमिकता से किए गये है। सड़कों से लगे इलाकों में वनाग्नि नियंत्रण हेतु त्वरित रिस्पांस के लिए मोबाईल टीमों का भी गठन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि हिल एरिया में फायर कठीन होता है खासकर उत्तरकाशी जिले में
86 फीसदी वन है । प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी ने बताया कि जिले में वनाग्नि की रोकथाम के लिए ग्राम समितियों, स्कूलों में वनाग्नि को लेकर गोष्टी का आयोजन भी किया गया है। इसके अतिरिक्त विभिन्न संगठनों के सहयोग से समग्र प्रयास किए गये है।
इस दौरान उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क हरीश नेगी , भूमि संरक्षण वन प्रभाग उत्तरकाशी की डीएफओ गंगा , टिहरी बांध द्वितीय वन प्रभाग की डीएफओ साक्षी मौजूद रही है।