मॉनसून जल्दी विदा होने के बावजूद वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और जलवायु परिवर्तन ने तबाही मचाई
उत्तरकाशी / देहरादून: मॉनसून सीजन की विदाई के बाद भी उत्तराखंड के गादगदेरों ने उत्पाद मचा रखा है। मंगलवार रात्रि में देहरादून के सहस्त्रधारा में बादल फटने से बाढ़ ने दुकानें और घर बहा दिए। मॉनसून जल्दी विदा होने के बावजूद वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और जलवायु परिवर्तन ने तबाही मचाई।प्रशासन बचाव में जुटा, स्कूल बंद और हाई अलर्ट जारी।
मंगलवार को उत्तर भारत में भारी बारिश ने एक बार फिर तबाही मचा दी। उत्तराखंड के देहरादून में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा पर बादल फटने से बाढ़ आ गई, जिससे दुकानें बह गईं और कई लोग लापता हो गए।
राजधानी देहरादून में मंगलवार की रात मूसलाधार बारिश ने कहर बरपाया। दून घाटी के सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, इस आपदा में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
देहरादून में सहस्रधारा बादल फटना एक बड़ी आपदा बनकर सामने आया है। इससे न सिर्फ जनहानि हुई है बल्कि धार्मिक और पर्यटक स्थलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। बचाव कार्य जारी है, लेकिन अब भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
बादल फटने से मचा हाहाकार
भारी बारिश के चलते कई नदियां अचानक उफान पर आ गईं और अपने साथ लोगों को बहा ले गईं। मालदेवता के पास एक गांव में मकान गिरने से आठ लोग दब गए, जिनमें से दो के शव ग्रामीणों ने निकाल लिए। देर शाम तक पुलिस और आपदा प्रबंधन टीम बचाव कार्य में जुटी रही।
बेमौसमी बारिश से बेहाल,पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त
बेमौसमी बारिश और बाढ़ के कारण दून घाटी के कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए।
प्रेमनगर नंदा की चौकी के पास दशकों पुराना पुल टूट गया, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।
मोहिनी रोड पर रिस्पना नदी के ऊपर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया।
मालदेवता क्षेत्र को टिहरी से जोड़ने वाले पुल की अप्रोच रोड पानी में बह गई।
मंदिरों और पर्यटक स्थलों को नुकसान
टपकेश्वर मंदिर में पानी गर्भगृह तक पहुंच गया और शिवलिंग डूब गया। यहां स्थापित बड़ी पीतल की प्रतिमा बह गई।
जामुनवाला का एकादश मुखी हनुमान मंदिर भी आधे से ज्यादा पानी में बह गया, जिससे मुख्य मंदिर खतरे में आ गया।
पर्यटक स्थल गुच्चू पानी और आसपास की कई सरकारी व निजी संपत्तियां पूरी तरह नष्ट हो गईं।
मजदूर और स्थानीय लोग भी बहे
झाझरा क्षेत्र की आसन नदी में खनन कार्य में लगे 16 मजदूर ट्रैक्टर समेत बह गए। इनमें से आठ के शव बरामद कर लिए गए, जबकि छह लोग अभी भी लापता हैं।
सहस्रधारा क्षेत्र में पानी में बहने से चार लोग लापता हुए, जिनमें से तीन के शव शाम तक मिल गए।
राहत और बचाव कार्य जारी
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने अलग-अलग इलाकों से 70 लोगों को सुरक्षित निकाला।
आसन नदी में अचानक तेज बहाव में फंसे एक युवक को एनडीआरएफ ने बिजली के खंभे से सुरक्षित उतारा, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। ऐसी ही कई ओर खौफनाक वीडियो आज पूरे दिन सोशल मीडिया पर तैरती रही।
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सरकार आपदा प्रभावितों के साथ, राहत एवं बचाव कार्यों में नहीं छोड़ी जाएगी कोई कसर- मुख्यमंत्री
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन से राजधानी देहरादून तथा प्रदेश के अन्य जनपदों में मंगलवार रात अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी ली तथा युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जो लोग भी प्रभावित हुए हैं, उन्हें तत्काल हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए। जो लोग लापता हुए हैं, उनकी तलाश के लिए युद्धस्तर पर कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार सभी प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए की राहत और बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। अधिकारी प्रभावित क्षेत्र का दौरा करें और लोगों की समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने आने वाले दिनों में भी मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को देखते हुए सभी जनपदों में विशेष सतर्कता बरते जाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर नजर रखने तथा जनपदों व विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए।
वहीं, मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अतिवृष्टि से प्रभावित देहरादून जनपद के मालदेवता क्षेत्र एवं केसरवाला का स्थलीय निरीक्षण कर वहाँ की स्थिति का जायज़ा लिया। निरीक्षण के दौरान माननीय मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की गति तेज करने के निर्देश अधिकारियों को दिए तथा स्थानीय नागरिकों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों, पुलों एवं सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुँचा है, जिससे आमजन के जीवन पर भी व्यापक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने निर्देश दिए कि अवरुद्ध मार्गों को शीघ्र चालू किया जाए, सुरक्षित पेयजल व बिजली की आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि शासन व प्रशासन की टीम निरंतर फील्ड में सक्रिय है और सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ राहत, बचाव व पुनर्वास कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए आपदा से निपटने हेतु विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
स्थलीय निरीक्षण के दौरान माननीय मुख्यमंत्री के साथ विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, अपर सचिव बंशीधर तिवारी सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन पहुंचे कंट्रोल रूम
राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की
देहरादून। राज्य में हो रही लगातार अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित विभागों एवं जिलों के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुए राहत, बचाव एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण अनेक क्षेत्रों में सड़कें, पुल और अन्य सार्वजनिक परिसंपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि अवरुद्ध मार्गों को शीघ्र खोला जाए, पेयजल, बिजली और दूरसंचार सेवाओं को प्राथमिकता पर बहाल किया जाए। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं एवं आवश्यक राहत सामग्री की आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं आपदा की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने देहरादून जिले के मालदेवता और केसरवाला क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की है तथा प्रभावित नागरिकों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया है।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि शासन और प्रशासन की टीमें फील्ड में पूरी सक्रियता के साथ कार्य कर रही हैं। नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती जा रही है और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए प्रभावित नागरिकों की समस्याओं का तत्काल समाधान करें।
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कंट्रोल रूम से राहत और बचाव कार्यों की निगरानी
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन मंगलवार सुबह ही अपनी टीम के साथ कंट्रोल रूम पहुंचे
देहरादून। राज्य में लगातार हो रही अतिवृष्टि के चलते उत्पन्न आपदा की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र मंगलवार तड़के से ही सक्रिय दिखा। राजधानी देहरादून तथा प्रदेश के अन्य हिस्सों में अतिवृष्टि से बाढ़ तथा मलबा आने की जैसे ही सूचना मिली, सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन अपनी टीम के साथ नियंत्रण कक्ष पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से जिलों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा जा रहा है, ताकि जलभराव, भूस्खलन, मार्ग अवरोध और अन्य समस्याओं की त्वरित जानकारी मिल सके और उनके समाधान हेतु तत्काल कार्रवाई की जा सके।
पेयजल, बिजली, संचार सेवाओं और चिकित्सा सहायता जैसे आवश्यक विषयों पर प्राथमिकता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहे हैं। राहत एवं बचाव दलों को अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करने को कहा गया है। बाढ़ में बहकर लापता हुए लोगों की तलाश के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। राहत एवं बचाव दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी है। खतरे वाले स्थानों से लोगों को हटाकर सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है। जिला प्रशासन द्वारा प्रभावितों की सभी आवश्यकताओं का ख्याल रखा जा रहा है।