दिल्ली में हुई मैराथन बैठक के बाद भी नहीं छंटी धुंध
■ पांच में से दो सीटों पर अभी अंतिम निर्णय शेष, सीएम फिर जा सकते हैं दिल्ली सूत्र।।
उत्तराखंड में लोकसभा की पांचों सीटों के लिए भाजपा दावेदारों का इंतजार थोड़ा और लंबा हो गया है। नई दिल्ली में हुई मैराथन बैठक के बाद टिहरी और हरिद्वार सीटों पर फिर पंच फंसा हुआ है।
केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून लौट चुके हैं। लेकिन सूत्रों की माने तो शनिवार
या रविवार को वह फिर दिल्ली जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से लेकसभा प्रत्याशियों की सूची फाइनल करने के लिए वीरवार की रात नई दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की बैटक हुई।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ड्रा की लगभग चार घंटे तक बैठक हुई थी जिसमें दोनों प्रदेश के दावेदारों पर चर्चा हुई। इस चर्चा के बाद जेपी नड्डा की
अध्यक्षता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। दो शिफ्टों में हुई बैठक सुबह साढे तीन बजे तक चली।
उत्तराखंड को लेकर हुई बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष महेद्र भट्ट और संगठन महामंत्री अजेय कुमार के साथ प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी मौजूद रहे। भाजपा सूत्रों की मानें तो प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति की ओर से भेजे गये सभी
55 दावेदारों को लेकर सभी बिंदुओं पर मंथन हुआ। इस मंथन के बाद पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा सोट को लेकर प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर दिये गये। टिहरी और हरिद्वार को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। इस पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को फिर से दिल्ली जा सकते हैं।
बताया कि जिन सोटों पर प्रत्याशी फाइनल कर दिये गये हैं, उनकी घोषणा भी शनिवार तक कर दी जाएगी। भाजपा कार्यालय से जो सूचनाएं बाहर निकली हैं उसके हेसाब के दो मौजूदा सांसदों का टिकट
शनिवार, 2 मार्च, 2024
खतरे में है। तीन सांसद अपना टिकट बचाने में कामयाब रहे हैं। जिन सीटों पर चर्चा शेष है उसमें पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी की दावेदारी बाकी दावेदारों पर भारी पड़ रही है।
भाजपा के सूत्रों ने यह भी बताया कि संसदीय बोर्ड में अंतिम फैसला लिये जाने से पहले दोबारा प्रत्याशियो की सूची प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखो जाएगी। उनकी सहमति के बाद ही सूची घोषित की जाएगी। इस कारण अंतिम रूप से अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है।
(पंजाब केसरी उत्तराखण्ड)