डीएम ने वाईब्रेंट विलेज योजना की बुनियादी सुविधाओं में तेजी लाने के दिये निर्देश।।ग्रामीणों ने होस्टे योजना से लाभन्वित कर भूमि के चिन्हीकरण के लिए सर्वेक्षण की उठाई मांग ।।चिरंजीव सेमवालउत्तरकाशी, 12 मार्च। वर्ष 1962 से वीरान पड़े चीन सीमा पर स्थित नेलांग और जादूंग गांव को पुनः आबाद करने की कवायद शुरू हो गई है।मंगलवार को डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गांव के प्रतिनिधियों एवं सेना अधिकारी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुई उक्त गांव को वाईब्रेंट विलेज योजना की बुनियादी सुविधाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए।डीएम श्री बिष्ट ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में पर्यटन विकास की प्रचुर संभावना है, जिसे जमीन पर उतारने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने पर्यटन विभाग को जादुंग गांव के लिए प्रस्तावित होम स्टे योजना के दायरे में सभी परिवारों को लाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस गांव में पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं जुटाने के साथ ही स्थानीय लोगों की समस्याओं के व्यावहारिक समाधान पर सभी विभाग प्राथमिकता से ध्यान दें। उन्होंने ग्रामीणों को नेलांग गांव की भूमि का जल्द सर्वेक्षण कराने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि नेलांग-जादुंग गांव के विकास व पुनर्स्थापन कार्य में ग्रामीणों की इच्छा व सुझावों को पूरी तवज्जो दी जाएगी और स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जिलाधिकारी ने सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों के साथ ही केन्द्र सरकार के अन्य संगठनों से भी इन गांवों को फिर से बसाने में सहयोग करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि वाईब्रेंट विलेज योजना में सभी विभाग व संगठन परस्पर तालमेल से इन गांवों के समग्र विकास में जुटेंगे।उल्लेखनीय है कि वर्ष 1962 से पहले उत्तरकाशी जिले में चीन सीमा पर स्थित नेलांग गांव में लगभग 40 परिवार और जादूंग गांव में करीब 25 परिवार निवास करते थे। उनका मुख्य व्यवसाय कृषि एवं भेड़पालन था। 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान सेना ने नेलांग और जादूंग को खाली करा दिया। तब इन गांवों के ग्रामीणों ने अपने रिश्तेदारों के यहां बगोरी और डुंडा में शरण ली। लेकिन, तब से लेकर अब तक प्रभावित ग्रामीणों को न तो विस्थापित किया गया, न दोबारा गांव में बसने की ही अनुमति दी गई।
बैठक में नेलांग-जादुंग गांव के मूल निवासियों के प्रतिनिधि मदन सिंह डोगरा, पूर्व प्रधान भगवान सिंह राणा तथा शेर सिंह राणा ने कहा कि नेलांग-जादुंग गांवों को फिर से बसाने के लिए स्थानीय लोग तत्पर हैं। उन्होंने इन गांवों में बुनियादी सुविधाओं के साथ ही आवास व रोजगार के व्यवस्था किए जाने पर जोर देने के साथ ही जादुंग गांव के सभी 23 परिवारों से जुड़े लोगों को होस्टे योजना से लाभन्वित करने तथा नेलांग गांव में ग्रामीणों की भूमि के चिन्हीकरण के लिए सर्वेक्षण कराए जाने की मांग प्रमुखता से उठाई।
बैठक में पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, मुख्य विकास अधिकारी जय किशन, प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, सेना की स्थानीय इकाई के कैप्टेन एनजी रोमेश, जिला पर्यटन विकास अधिकारी केके जोशी, साहसिक खेल अधिकारी मोहम्मद अली, तहसीलदार सुरेश प्रसाद सेमवाल, नायब तहसीलदार जगेन्द्र सिंह चौहान, सुरेश चन्द्र भट्ट, राजस्व उप निरीक्षक महावीर प्रसाद नौटियाल आदि उपस्थित रहे।