पंचगाई रैथल में सेल्कू मेले की धूम , देव डोली नृत्य ने समां बांधा
सेल्कू में धराली गांव की खुशहाली के लिए समेश्वर देवता से की प्रार्थना
रविन्द्र रावत
भटवाड़ी (उत्तरकाशी):
विकास खण्ड भटवाड़ी में पौराणिक संस्कृति की धरोहर पंचगाई रैथल,क्यार्क, बन्द्राणी, नटीन, भटवाड़ी गांव में सेल्कू
मेले में भारी जनसमूह उमड़ पड़ा। सेल्कू मेला भगवान समेश्वर देवता को समर्पित है देवडोली के अगुवाई में नृत्य, पारम्परिक रासों नृत्य के साथ आसपास से आएं ग्रामीण व ध्याणियों के द्वारा खुब झुमेलू लगाया जाता है जिसे भाद्रपद के बाद अब आश्विन मास में खेती के कार्य प्रारंभ हो जाते हैं और फसलें अच्छी हो इसलिए देवी-देवता को इन मेलों के माध्यम से प्रश्न करतें हैं।
यह भारत-तिब्बत व्यापार के अंत और दीपावली के समान शीतकाल की शुरुआत का प्रतीक है। सेल्कू मेले की शुरुआत गंगाघाटी के निचले टकनोर से शुरू होती है और समापन मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखवा गांव में होती है। इस दो दिवसीय उत्सव में रात भर जागकर पारंपरिक नृत्य और गीत गाए जाते हैं, जिसमें ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों से लाए गए ब्रह्मकमल जैसे फूलों को चढ़ाया जाता है। ” सेल्कू का शाब्दिक अर्थ “सोएगा कौन” होता है, जो इस पर्व की रातभर न जागने की परंपरा को दर्शाता है पूरी रात भर नृत्य और झूमेले लगाये जातें हैं।
पंच मालगुजार रैथल किशन सिंह राणा ने बताया गया कि इस क्षेत्र के आराध्य भगवान समेश्वर देवता है और इस मेलों में हम क्षेत्र में धराली गांव में आई भीषण आपदा से प्रभावित लोगों की खुशहाली के लिए भगवान समेश्वर देवता से प्रार्थना करतें हैं। इस दौरान पंच मालगुजार क्यार्क शिवेन्द्र सिंह राणा, बन्द्राणी सुन्दर सिंह भण्डारी, नटीन बचन सिंह रावत, भटवाड़ी सुबोध रतूड़ी , ग्राम प्रधान बुद्धि लाल, ग्राम प्रधान नटीन सोना थनवाण,क्षेत्र पंचायत सदस्य मोहन कुशवाह, पूर्व ग्राम प्रधान शुशीला राणा, अध्यक्ष दयारा पर्यटन समिति नटीन राजकेन्द्र थनवाण , महिला मंगलदल अध्यक्षा सुनीता राणा ,महेन्द्र सिंह राणा,भागवत सिंह राणा,सुरेश रतूड़ी,राजवीर रावत ,रमेश रतूड़ी,विदेश रतूड़ी,राजीव राणा,दिनेश पंवार ,सहेन्द्र राणा,बलवीर पंवार, मनवीर रावत सहित समस्त पंचगाई व क्षेत्रीय ग्रामीण मौजूद रहें।