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खराब मौसम के चलते सहस्त्र ताल पर ट्रैकिंग भटका रास्ता चार की मौत, 13 फंसे।।

By sarutalsandesh.com Jun 4, 2024

खराब मौसम के चलते सहस्त्र ताल पर ट्रैकिंग भटका रास्ता चार की मौत, 13 फंसे।।

डीएम ने रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ टीम को भेजना का किया अनुरोध।।
चिरंजीव सेमवाल

उत्तरकाशी 4 जून। समुद्र तल से 4600 मीटर की ऊचॉई पर स्थित सहस्त्र ताल पर ट्रैकिंग गये दल के चार सदस्यों की मौत हो गई जबकि 13 सदस्य खराब फंसे होने की सूचना है। हादसे का कारण खराब मौसम बताया जा रहा है।
इधर हादसे की खबर मिलते ही जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने ट्रैकरों को रेस्क्यू करने के लिए तत्काल मौके पर रेस्क्यू टीम में भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एसडीआरएफ के मुख्यालय से आग्रह करने के साथ ही स्थानीय स्तर से तत्काल रेस्क्यू दलों को रवाना किये जाने के निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारी ने एसडीआरएफ के कमांडेंट को पत्र भेजते हुए अवगत कराया है कि अध्यक्ष, ट्रैकिंग ऐजेन्सी, उत्तरकाशी एवं गाईड राजेश ठाकुर ने मंगलवार सांय को अवगत कराया गया है कि हिमालयन व्यू ट्रैकिंग ऐजेंसी, मनेरी के द्वारा मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर एक 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल जिसमें कनार्टक के 18 सदस्य एवं महाराष्ट्र का एक सदस्य और तीन स्थानीय गाईड शामिल थे, को गत 29 मई को सहस्त्रताल के ट्रैकिंग अभियान पर रवाना करवाया गया था। इस ट्रैकिंग दल को आगामी 7 जून तक वापस लौटना था। इसी दौरान गत दिन अंतिम शिविर से सहस्त्रताल पहुंचने के दौरान मौसम खराब होने से यह दल रास्ता भटक गया। सम्बन्धित ट्रैकिंग ऐजेंसी ने खोजबीन करने पर इस दल के चार सदस्यों की मृत्यु होने की सूचना देते हुए ट्रैक में फंसे अन्य 13 सदस्यों का शीघ्र रेस्क्यू किये जाने का अनुरोध किया गया है।
गौरतलब है कि सहस्त्र ताल के लिए 22 ट्रैकिंग 22 सदस्य दल गया था

बता दें कि सहस्त्र ताल ट्रेक भारत के उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक लोकप्रिय ट्रेकिंग गंतव्य है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, उच्च ऊंचाई वाली झीलों और हिमालय पर्वतमाला के लुभावने दृश्यों के लिए जाना जाता है। ट्रेक को मध्यम कठिनाई वाला माना जाता है और यह शुरुआती और अनुभवी ट्रेकर्स दोनों के लिए उपयुक्त है। इस ट्रेक को करने का सबसे अच्छा समय मई से जून और सितंबर से अक्टूबर तक है। ट्रेक संकरी गाँव से शुरू होता है और तालुका, ओसला, हर-की-दून और जौंधर ग्लेशियर जैसे कई सुरम्य स्थानों से गुज़रता है, अंत में सहस्त्र ताल झील तक पहुँचता है, जो 4,600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।

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