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सरनौल,सुतडी -सरूताल एवं सरबडियार -सरूताल ट्रैक 2 सितंबर का कार्यक्रम हो सकता परिवर्तन : सूत्र।।

By sarutalsandesh.com Aug 31, 2024
  • सरनौल,सुतडी -सरूताल एवं सरबडियार -सरूताल ट्रैक 2 सितंबर का कार्यक्रम हो सकता परिवर्तन : सूत्र।।

छुटभैय्या नेता सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए क्षेत्र में फैला रहे अफवाहें।।

भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान की मेहनत लाई रंग।।

उत्तरकाशी। उत्तराखंड शासन ने सरनौल-सूतड़ी सरूताल एवं सरबडियार- सरूताल लगभग 26 किमी लंबे ट्रेक को ट्रैक ऑफ द ईयर किया घोषितकर दिया है।
2 सितंबर को पहला जत्था रवाना था सूत्रों की मानें तो दो सितम्बर के साथ पर आगे दूसरी तिथि घोषित हो सकतीं हैं ‌ । शासन स्तर के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरूताल बाहरी राज्यों के एक भी ट्रैकर्स एजेंसी ने आने के कारण फिल हाल दो सितम्बर का कार्यक्रम को परिवर्तित किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि शासन ने पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल एवं भाजपा जिलाध्यक्ष सतेंद्र सिंह राणा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन मंत्री से मिलकर सरबडियार -सरूताल ट्रैक को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित‌ करवा था। यमुनोत्री विधानसभा के कमजोर नेतृत्व के कारण ढाई वर्षों सरनौल – सुतडी-सरूताल को पर्यटन स्थल घोषित आदि कुछ भी नहीं है सका । बीते 17 अगस्त को भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान के नेतृत्व में सरनौल क्षेत्र के एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को मिलकर सरनौल -सुतडी सरूताल को “ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित‌” करवाया है।
शासन के निर्देश पर सरूताल के लिए दो सितंबर को पहला दल रवाना करने के लिए विभाग की ओर से इस ट्रैक पर पहुंचने वाले पहले 150 ट्रैकर्स को प्रदेश सरकार की ओर से 2000 की सब्सिडी भी दी जाएगी।
30 नवंबर तक पहले पहुंचने वाले 150 ट्रैकर्स को सब्सिडी दी जाएगी। उन्हें टी शर्ट और कैप भी उपलब्ध करवाई जाएंगी। लेकिन बहारी राज्यों के
ट्रैकिंग एजेंसी न आने से अब शासन स्तर पर उक्त कार्यक्रम को सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में किया जा सकता है। मामले में जब साहसिक खेल अधिकारी मो अली खान ने से पूछा तो उन्होंने बताया कि मामले में जिलाधिकारी से शनिवार को दिन को वार्ता होनी है उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

उधर क्षेत्र में छुटभैयाएवं नेता सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कई तरह की अफवाहें फैला कर क्षेत्र के सीधी सादी ग्रामीणों को गुमराह करनेका कार्य हैं । वहीं क्षेत्र की जनता जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछ रही है कि आखिर ढाई सालों से सरूताल ट्रैक के विकास के लिए क्या कार्य किया? जनता को हिसाब चाहिए।

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