सरनौल,सुतडी -सरूताल सरबडियार ट्रैक 2 सितंबर कार्यक्रम हुआ पोस्ट बौंड : मो अली खान।।
सरनौल सुतडी सरूताल बुग्याल ट्रैक कार्यक्रम हुआ पोस्ट बौंड।।
बाहरी राज्यों के ट्रैकिंग एजेंसियां न आने से बताया जा रहा कारण।।
छुटभैय्या नेता सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए क्षेत्र में फैला रहे अफवाहें।।
भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान की मेहनत लाई रंग।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी। उत्तराखंड शासन ने सरनौल-सूतड़ी सरूताल एवं सरबडियार- सरूताल लगभग 26 किमी लंबे ट्रेक को ट्रैक ऑफ द ईयर किया घोषितकर दिया है।
2 सितंबर को पहला जत्था रवाना था लेकिन बहारी राज्यों से एक भी ट्रैकिंग एजेंसी न आने से फिलहाल दो सितम्बर का कार्यक्रम पोस्ट बौंड कर दिया गया है अब जल्द दूसरी तिथि घोषित होगी । उक्त मामले की जानकारी देते हुए साहसिक खेल अधिकारी मो अली खान ने बताया कि सरूताल बुग्याल के लिए बाहरी राज्यों के शनिवार तक एक भी ट्रैकर्स एजेंसियां ने पंजीकरण न करवाने से फिल हाल दो सितम्बर का कार्यक्रम को परिवर्तित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि शासन ने पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल एवं भाजपा जिलाध्यक्ष सतेंद्र सिंह राणा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन मंत्री से मिलकर सरबडियार -सरूताल ट्रैक को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित करवा था। यमुनोत्री विधानसभा के कमजोर नेतृत्व के कारण ढाई वर्षों सरनौल – सुतडी-सरूताल को पर्यटन स्थल घोषित आदि कुछ भी नहीं है सका । बीते 17 अगस्त को भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान के नेतृत्व में सरनौल क्षेत्र के एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन मं त्री सतपाल महाराज को मिलकर सरनौल -सुतडी सरूताल को “ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित” करवाया है।
शासन के निर्देश पर सरूताल के लिए दो सितंबर को पहला दल रवाना करने के लिए विभाग की ओर से इस ट्रैक पर पहुंचने वाले पहले 150 ट्रैकर्स को प्रदेश सरकार की ओर से 2000 की सब्सिडी का ऑफर भी जारी किया था।
30 नवंबर तक पहले पहुंचने वाले 150 ट्रैकर्स को सब्सिडी दी जाएगी। उन्हें टी शर्ट और कैप भी उपलब्ध करवाई जाएंगी। लेकिन बहारी राज्यों के
ट्रैकिंग एजेंसी न आने से अब शासन स्तर पर उक्त कार्यक्रम को सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में किया जा सकता है। मामले में जब साहसिक खेल अधिकारी मो अली खान ने से पूछा तो उन्होंने बताया कि मामले में जिलाधिकारी से शनिवार को दिन को वार्ता हुई है । उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों का क्षेत्रीय लोगों के भी सुझाव आये हैं कि सुतड़ी सरूताल ट्रैक के लिए बाहरी राज्यों में पर्यटन विभाग से प्रचार प्रसार करवा जाय जिससे आने वाली तिथि के लिए यहां अधिक से अधिक
ट्रैकर्स पहुंच सके हैं।
उधर क्षेत्र में छुटभैयाएवं नेता सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए कई तरह की अफवाहें फैला रहे हैं । वहीं क्षेत्र की जनता जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछ रही है कि आखिर ढाई सालों से सरूताल ट्रैक के विकास के लिए क्या कार्य किया? जनता को हिसाब चाहिए।