Breaking
Thu. Jul 10th, 2025

उत्तरकाशी : गुरु पूर्णिमा महोत्सव में उमड़ा भक्तों का सैलाब

By sarutalsandesh.com Jul 10, 2025

विश्व सद्भावना धाम डांग आश्रम में धूमधाम से मनाई गई गुरू पूर्णिमा ।।

चिरंजीव सेमवाल

उत्तरकाशी : डॉ दुर्गेश आचार्य महाराज जी के आश्रम ऊं विश्व शांति सद्भावना धाम डांग रोड़ उत्तरकाशी में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में भारी उत्साह के साथ भक्तों ने बड़ी धूमधाम से गुरू पूर्णिमा मनाया है ।

इस दौरान डॉ दुर्गेश आचार्य महाराज ने कहा कि बिना गुरु का परमात्मा की प्राप्ति संभव नहीं है। गुरु के द्वारा ही परमात्मा की प्राप्ति संभव है। अतः जीवन में गुरु होना अतिआवश्यक है और सधे हुए गुरु मिल जाएं तो फिर क्या कहना है। साक्षात नारायण का दर्शन है। उन्होंने कहा कि परमात्मा प्राप्ति के लिए पढ़ें लिखे भी ज़रूर नहीं चाहिए उन्होंने गोपियां का उदाहरण देते हुए कहा कि गोपियां पढ़ी-लिखी नहीं थी ,लेकिन उन्होंने अपने जीवन को भगवान को समर्पित कर दिया था। इस लिए ईश्वर प्राप्ति के लिए न धन की जरूरत है न पढ़ें लिखे की इसके लिए तो श्रद्धा, भक्ती, समर्पण चाहिए।
जिला मुख्यालय से सटे गंगा विश्व शांति मद्भावना धाम, डांग उत्तरकाशी में श्री देवी भागवत महापुराण कथा का दिव्य आयोजन में भारी संख्या में ग्रामीण कथा का रसपान करने पहुंच रहे हैं। कथा वक्ता राष्ट्रीय संत डा़. दुर्गेश आचार्य महाराज की कथा के छठवें दिन कथा प्रवचन करते हुए कहा कि भागवत कथा मानव कल्याण की कथा है। इसके श्रवण से जीवन को जीने की आसान राह मिलती है। कथा श्रवण में आत्म शक्ति का संचार होता है। मानव कल्याण की ओर बढ़़ता है।
इस मौके पर जिला मुख्यालय, यमुधाटी समेत दूर दूर से भक्त सैकड़ों भक्तों ने गुरु शिष्य परंपरा को मनाया। मंच का संचालन आचार्य कृष्णा नंद मिश्रा ने किया है।
::::::::::::::::::::::::;;;;;::::::;;;;;;;;:::::::::::

क्यों खास हैं गुरु पूर्णिमा का पर्व?

सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा के दिन वेदों के रचयिता वेदव्यास जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के
नाम से भी जाना जाता है। महर्षि वेदव्यास
को जगत का प्रथम गुरु माना जाता है।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!