प्रमुख विनीता रावत ने विद्यालयों का किया निरीक्षण: स्कूलों से गुरूजी नदारद, लटके मिले ताले।।
50 किलोमीटर दूर रहते शिक्षक, गंगोत्री हाईवे बंद होने से महिनों से स्कूलों के बुरे हाल।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी। जिले में सरकारी स्कूलों के बुरे हाल है यही वजह है कि लोगों का सरकारी स्कूलों से मोह बंग हो रहा है। बरसात के महिने में बीते एक महीने से गंगोत्री- हाईवे आये दिनों बंद रहता है जिससे भटवाड़ी ब्लॉक में तैनात अधिकांश शिक्षक जिला मुख्यालय में रहते हैं और जिला मुख्यालय से ही स्कूल पहुंचते हैं।
बुधवार को भी गंगोत्री हाईवे बंद रहा
भटवाड़ी ब्लॉक की तेज़ तर्रार प्रमुख श्रीमती विनीता रावत ने विभिन्न सरकारी स्कूलों में निरीक्षण किया तो भटवाड़ी के कई विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक नदारद रहे और स्कूलों में ताले लटके मिले और छात्र छात्राएं शिक्षकों के इंतजार में स्कूलों के बाहर खड़े मिले हैं ।
निरीक्षण के दौरान प्रा०वि०बार्सू पाला, भटवाडी निरीक्षण के दौरान बन्द मिला वहीं जू०हा०स्कूल बार्सू एंव रा०क० उ०मा०वि० भटवाड़ी में एक शिक्षक के भरोसे ही विद्यालय संचालित हो रहा था। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों से दूरभाष के माध्यम से अवगत कराया कि विद्यालयों में बच्चे तो पहुँचे ,लेकिन शिक्षक नहीं पहुँचे है।
ब्लॉक प्रमुख श्रीमती विनीता रावत ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को पत्र लिखकर कहा कि
सीमांत विकास खण्ड भटवाड़ी के ज्यादातर स्कूलों में शिक्षकों का आवागमन 50 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय से ही आना जाना ही होता है और ऐसे में यदि सड़क बंद हो जाए तो शिक्षक विद्यालय में समय से नहीं पहुंच पाते बल्कि कभी कभी पूरा दिन विद्यालय में नजर नहीं आते ऐसे में छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है ।
उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ बेहतर शिक्षा की कमी के कारण सीमांत विकास खण्ड भटवाड़ी के लोग पलायन करने को मजबूर हैं वहीं गिने चुने सरकारी स्कूलों में इस तरह की लापरवाही एक चिंता का विषय बना हुआ है ।
जबकि शासन की तरफ से शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश हैं कि बरसात के मौसम में अपने कार्य क्षेत्रों के आस पास ही रहना सुनिश्चित करें ताकि विद्यालय में पढ़ाई बाधित न हो ।
ब्लॉक प्रमुख विनीता रावत ने कहा कि ये बच्चे इस देश का भविष्य हैं और इस तरह की लापरवाही कतई बर्दास्त नहीं की जायेगी। इस लिए उच्च अधिकारियों से स्कूलों से नदारद शिक्षकों से स्पष्टीकरण लिया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी।