बौखनाग के सानिध्य में तीन दिवसीय कुंड की जातर का हुआ आगाज।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी : गंगनाणी तीन दिवसीय (कुंड की जातर) का बाबा बौखनाग के सानिध्य में शुभारंभ किया गया। इस दौरान कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बालिकाओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गान से रंगारंग
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों से मेले का आगाज किया है।
कार्यक्रम के बतौर मुख्यातिथि पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने कहा है कि यह मेला रवांई घाटी की पौराणिक समृद्ध संस्कृति एवं धार्मिक मेला का प्रतीक है जो सदियों से चला आ रहा है। पूर्व विधायक श्री रावत ने कहा कि यह स्थान मिनी प्रयाग है जिससे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है यहां शादी संस्कार की परंपरा भी पूर्व से प्रचलित है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान की उपलब्धियां को गिनाते हुए कहा कि सामूहिक बहुद्देश्यीय बारात घर का निर्माण करवाया गया । जिससे क्षेत्र के लोगों को विवाह कार्यक्रम में इसका लाभ मिलेगा।
इस दौरान मेला आयोजक जिला पंचायत अध्यक्ष/प्रशासक दीपक बिजल्वाण ने कहा कि यह स्थल एक प्रयाग के रूप में प्रसिद्ध है जिसकी अपनी पौराणिक धार्मिक महत्वता है, पौराणिक संस्कृति की पहचान
ऐतिहासिक एवं पौराणिक मेला हमारी धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं का प्रतीक है। इससे पूर्व उन्होंने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चकबंदी प्रणेता स्व राजेंद्र सिंह रावत की प्रतिमा में मालार्पण कर उनके योगदान को भी याद किया तथा उन्होंने मेले में पहुंचे अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
मेला उद्घाटन कार्यक्रम में पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, बंसत मिले के शुभारंभ के मौके पर निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष/ प्रशासक दीपक बिजल्वाण
अमित डिमरी, मनमोहन चौहान, महावीर सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान बादर सिंह, विनोद समेत सैकड़ों जन मेलाउद्घाटन के साक्षी बने ।
इससे पूर्व निवर्तमान अध्यक्ष /प्रशासक दीपक बिजल्वाण बनाल पट्टी के गुलाडी़ गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा एवं हरिवंश महापुराण कथा में सम्मिलित हुए और व्यास पीठ से आशीर्वाद लेकर तदपश्चात देवतुल्य जनता जर्नादन का अभिवादन किया गांव पहुंचने से ग्रामीणों न श्री बिजल्वाण का व स्वागत अभिनंदन किया। और
कथा आयोंजक अरविंद प्रसाद नौटियाल को सपरिवार बधाई एवं शुभकामनाएं दी।