रावण के अहंकार को महादेव ने दिया था चूर-चूर कथा सुनाकर मंत्रमुग्ध हुए श्रोताओं
पुजार गांव में ध्याणियों द्वारा आयोजित शिवमहापुराण में उमड़ा जनसैलाब।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी: कथा वक्ता आचार्य शिव राम भट्ट ने कहा कि अहंकार इंसान का सबसे बड़ा शत्रु होता है। घमंड अगर सिर चढ़ जाए तो व्यक्ति अपने आगे किसी को कुछ समझता ही नहीं है। पट्टी धनारी के ग्राम सभा पुजारगांव में सिद्धेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में चल रहीं ध्याणियों द्वारा आयोजित ग्यारह दिवसीय शिव महापुराण में कथा के नवें दिन भारी जन सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य शिवराज भट्ट जी ने कहा कि रावल मिलने तो अपने गुरु को कैलाश पर्वत पर जा रहा लेकिन अहंकार लेकर जा रहा इस कलिकाल में भी मनुष्यों को पद, रूप, धन, योवन का अहंकार ।
उन्होंने एक पौराणिक कथा के जरिए समझाया कि कैसे अहंकार अच्छे, बुरे, सात्विक और तामसिक किसी के भी पास तक पहुंचता है।
उन्होंने लंका नरेश रावण की एक कहानी सुनाई, जो परम शिव भक्त और तीनों लोकों का विजेता था। रावण के बल के आगे देवता भी कांपते थे। भगवान शिव और ब्रह्मा की तपस्या करके उसने विशेष बल और कई अस्त्र-शस्त्र हासिल किए थे। इसके बाद अहंकार उसके सिर चढ़ गया लेकिन भगवान शिव ने पैर के एक अंगूठे से उसका सारा घमंड चूर-चूर कर दिया था।
कथा वक्ता ने कहा कि, ‘एक बार रावण के मन में ख्याल आया कि इतना बल, इतनी सिद्धि हासिल कर ली लेकिन आराध्य भगवान शिव तो कैलाश पर्वत पर रहते हैं। भगवान को मेरे जैसे भक्त के बारे में भी सोचना चाहिए।उस अहंकारी का दुस्साहस देखिए कि जिनके नेत्रों की पलक बदलने से लय प्रलय में बदल जाती है, उन भोलेनाथ को लंका ले जाने की ठान वह कैलाश पर्वत पर जा पहुंचा।
इस मौके पर पुजारगांव, दड़माली, गवाणा आदि गांव की ध्याणिया उपस्थित थी, साथ ही शिव महापुराण समिति से जुड़ी राजधानी नौटियाल, कोषाध्यक्ष नंदा भट्ट, ललिता पंवार, विशीला राणा, यमनोत्री पयाल, कथा स्थल पर भाजपा जिलाध्यक्ष नागेंद्र सिंह चौहान, क्षेत्रीय विधायक सुरेश चौहान, मुख्यमंत्री के गढ़वाल समन्वयक किशोर भट्ट, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनीष राणा, विजय बहादुर सिंह रावत,एडवोकेट विमल नौटियाल, रामेश भट्ट,
डॉ भगवन नौटियाल, सुरेन्द्र सिंह पंवार,किशोर भूषण सेमवाल, रामकिशोर उनियाल आदि उपस्थित थे।