संभाला मोर्चा:
दिल्ली की घटना से भी गया गलत मैसेज, सफाई देने मैदान में उतरे पार्टी के कद्दावर नेता
उत्तरकाशी : कांग्रेस नेता हरक सिंह के आरोपों से सवालों से घिरी भाजपा इसका जवाब तलाश पाती उससे पहले भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के बयान ने उसे और उलझा दिया है। वहीं हरीद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को लिखा लैटर बमब में कहा गया कि देहरादून और उत्तरकाशी के पुरोला के कुछ अभियुक्तों ने लोगों से 50 करोड़ की धोखाधड़ी कर फरार है और उनकी रिपोर्ट पुलिस थानों में दर्ज है यह देव भूमि के लिए शर्मनाक है।
नई दिल्ली की अहम बैठक में दो-दो सांसदों की गैरमौजूदगी भी यही संदेश दे रही है कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी भाजपा की प्रदेश इकाई में सबकुछ ठीक नहीं – चल रहा है। दावे कुछ भी हों, हकीकत यह है कि प्रदेश नेतृत्व को अपना कुनबा संभाल कर रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
मसूरी के एक कार्यक्रम में तीरथ सिंह रावत ने नौकरशाही के बहाने
सरकार भी हमला बोला। कहा कि यूपी के जमाने में कहा जाता था कि अधिकारी यहां खाली हाथ आते हैं और ट्रक में भरकर माल ले जाते हैं। अब तो ड्राइवर भी यहीं का है और यात्री भी यहीं के हैं।
उन्होंने साथ में यह भी कहा कि यदि अधिकारी और नेता साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं करेंगे तो
प्रदेश का भला नहीं होगा। हालांकि तीरथ ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को पहले भी घेरा है। वर्ष 2022 के नवंबर महीने में जब वह सीएम पद से इस्तीफा दे चुके थे और बतौर सांसद क्षेत्र में सक्रिय थे तो दावा किया था कि प्रदेश में बगैर कमीशन दिये कोई काम नहीं होता है। लेकिन हालिया बयान उस समय आया है जब भजपा सरकार चौतरफा घिरी हुई है। त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री रह चुके और
अब कांग्रेसी खेमे में शामिल पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने वीरवार को खनन माफिया से वसूली कर भाजपा द्वारा तीस करोड़ की एफडी बनाने का आरोप लगाया। शुक्रवार को उन्होने दोबारा भाजपा पर हमला बोला और कहा कि मंत्री होने के नाते उन पर अवैध वसूली का दबाव डाला जाता था। हरक सिंह के बयानों को मौजूदा समय में एक विरोधी पार्टी के नेता के बयान मानकर
खारिज किया जा सकता है लेकिन पूर्व सीएम तीरथ सिंह के आरोपों पर भाजपा को जनता के सामने सफाई देनी ही पड़ेगी।
बयानों का यह बवंडर उस समय उठा है जब प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम और सीएमकी मौजूदगी में विधानसभचुनाव को लेकर आयोजित बैठक से दो-दो सांसदों की गैरमौजूदगी से उठे सवालों के कारण पार्टी नेतृत्व असहज है। वैसे दोनों सांसद त्रिवेंद्र और अनिल बलूनी शनिवार को दुष्यंत गौतम से मुलाकात कर चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी दावा करते हैं कि कोई सांसद नाराज नहीं हैं। लेकिन इसका गलत संदेश पहले ही जा चुका है।
भ्रम फैला रही है कांग्रेस
उधर, भाजपा की ओर से शनिवार को प्रदेश प्रवक्ता खजान दास, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान और लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर जनता में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। दिलीप रावत ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को पांच साल बाद भ्रष्टाचार की याद आ रही है। ऐसा है तो वह कोर्ट में जाएं और हलफनामा दें।