टकनौर क्षेत्र के पाला गांव में आषाढ़ माह का फूल्यारी मेला की धूम !
भटवाड़ी। प्रखंड भटवाड़ी में टकनौर क्षेत्र के पाला गांव में आज हिन्दु पंचांग तिथि के अनुसार २२ गते आषाढ़ को लगने वाला पौराणिक फूल्यारी मेला हर वर्ष की तरह इस साल भी धूमधाम से मनाया गया।
उच्च हिमालयी क्षेत्र के राजा, टकनौर क्षेत्र के आराध्य क्षेत्राधिपति भगवान श्री समेश्वर देवता (राजा रघुनाथ जी महाराज) का भव्य ओर दिव्य फूल्यारी आसाड़ मेला आज २२ गते आसाड़ को ग्राम पाला मे समेश्वर देवता प्रांगण में सम्पन्न हुआ। जहाँ भगवान समेश्वर देवता ने अपना प्रसिद्ध डांगरिया आसन लगाकर लोगों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।
मान्यता अनुसार आषाढ़ महीने की २०, २१ व २२ गते की तिथियों पर यहाँ के विभिन्न गाँवों मे भगवान समेश्वर का प्रसिद्ध पौराणिक आषाढ़ फूल्यारी मेला मनाया जाता है, जिस दिन ग्रामीण विशेष रूप से बुग्याली क्षेत्र से लेसर, जयाण आदि देव पुष्प लाकर गांव के आराध्य समेश्वर देवता को चढ़ाते है, तत्पश्चात समेश्वर देवता के सानिध्य में रासों नृत्य कर खुशी मनाते है, इन दिनों भटवाड़ी प्रखंड के अनेक गाँवों में समेश्वर महाराज का यह प्रसिद्ध मेला अनादिकाल से धूमधाम से मनाया जाता रहा है। जिस कड़ी मे ग्राम पाला मे भी इस मेले को पारम्परिक रूप से हर वर्ष की तरह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। स्थानीय ग्रामीण प्रताप प्रकाश पंवार द्वारा बताया गया कि यहाँ सर्वप्रथम ग्राम पुरोहित द्वारा की जाने वाली समेश्वर देवता की पूजा अलौकिक और दर्शनीय होती है , तत्पश्चात रासो नृत्य कर समेश्वर देवता का आह्वान किया जाता है जिस उपरांत भगवान समेश्वर देव मानव पश्वा पर अवतरित होकर धारदार डांगरों (फरसे) के ऊपर आसन लगाकर ग्रामवासियों व अतिथियों के न्योते व उनकी समस्याओं का निराकरण करते है, जो इस विशेष दिन पर प्रामाणिक माना जाता रहा है। इस अवसर पर गांव से व्याही सभी ध्याणिया और ग्रामवासी अपने इष्ट समेश्वर महाराज की पूजा अर्चना कर उन्हें टिक्का पीठाईं लगाकर अपनी खुशहाली की कामना करते है।
इस विशेष अवसर पर ग्राम पंचायत पाला के ग्रामीणों द्वारा मेले मे बाहर से आये अतिथियों का भरपुर स्वागत सम्मान किया। साथ ही अपने इष्ट क्षेत्राधिपति समेश्वर महाराज व यहाँ के भूम्याल सर्फनाथ देवता से सबकी खुशहाली की कामना की।
इस अवसर पर विकासखंड भटवाड़ी की ब्लॉक प्रमुख विनीता रावत ग्राम प्रधान महेश चंद शाह, भाजपा नेता जगमोहन रावत, प्रताप प्रकाश पंवार, जोत सिंह रावत, विक्रम रावत, रघुवीर रावत, प्रमोद रावत, अविनाश रावत, दिनेश पंवार आदि सहित ग्रामीण उपस्थित रहे।