स्कीइंग और साहसिक पर्यटन से हजारों लोगों को रोजगार मिल सकता है दयारा बुग्याल से।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी। बर्फ की चादर ओढ़े उत्तरकाशी जिले का दयारा बुग्याल स्कीइंग व साहसिक पर्यटन के लिए सैलानियों का इंतजार कर रहा है।
28 वर्ग किमी के दायरे में फैले 11320 फीट की ऊंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल में स्कीइंग की अपार संभावनाएं हैं लेकिन शासन -प्रशासन इस बुग्याल में स्कीइंग को लेकर कभी गंभीर नहीं रहा है।
बुग्याल की खूबसूरती यहां हर वर्ष हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां हर वर्ष रैंथल के ग्रामीण दूध मक्खन की होली भी खेलते हैं जिसे देखने के लिए देश के अलावा विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं। दयारा बुग्याल की खूबसूरती और यहां हर वर्ष बढ़ रही पर्यटकों की संख्या को देखते हुए ग्रामीण स्कीइंग जैसे खेलों को बढ़ावा दिए जाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।बार्सू गांव से महज चार किमी० की दूरी पर दयारा बुग्याल का ही हिस्सा भरनाला में एक किमी० लंबी ढलान है। जहाँ पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थानीय युवाओं द्वारा इन दिनों स्कीइंग भी की जा रही है।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान व पर्यटन विभाग द्वारा भरनाला मे हर वर्ष स्कीइंग प्रशिक्षण कराया जाता है किन्तु इस वर्ष देर से बर्फबारी होने के कारण फिलहाल स्थानीय युवाओं द्वारा ही इसके प्रचार प्रसार हेतु स्कीइंग की जा रही है।पर्यटन व्यवसाय से जुड़े बार्सू गांव के नवीन रावत कहते हैं कि विंटर गेम्स के लिए दयारा व भरनाला में आदर्श स्थितियां हैं। उनका कहना है कि स्कीइंग करने वाले पर्यटकों के लिए स्थानीय ट्रैकिंग संचालकों के पास सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
वहीं नजदीकी पाला गांव से प्रताप प्रकाश पंवार ने बताया कि सरकारी स्तर से कुछ सुविधाएं ओर मिलें और बुग्याल का प्रचार हो तो इससे अच्छी स्कीइंग कहीं और नहीं हो सकती।
बार्सू गांव के स्थानीय युवा पुष्पेंद्र रावत, सुशील रावत, आलोक रावत, रितिक रावत,नवीन सिंह रावत द्वारा पिछले 3-4 दिनों से अपने स्तर से यहाँ स्कीइंग प्रशिक्षण कराया जा रहा है।
दयारा की खूबसूरती पर्यटकों का मन मोह लेने वाली है। दयारा बुग्याल से गिडारा बुग्याल, बंदरपूंछ, काला नाग पर्वत, द्रोपदी का डांडा प्रथम व द्वितीय, श्रीकंठ पर्वत सहित कई प्रमुख चोटी नजर आती हैं। इसके साथ ही गंगा घाटी का मनोहारी नजारा भी यहां से दिखता है।
सर्दियों के दौरान दयारा बुग्याल की शांति, जहां बर्फ से ढके परिदृश्य, पैरों के निशान और हिमालय की चोटी के दृश्य एक अविस्मरणीय अनुभव पैदा करते हैं!पर्यटन व्यवसाय से जुड़े स्थानीय ग्रामीणों व प्रशिक्षित युवाओं द्वारा उत्तराखंड सरकार व पर्यटन विभाग से भरनाला मे शीतकालीन खेलों के आयोजन की मांग की है जिससे यहाँ रोजगार सृजन के अवसर पैदा किये जा सके।