मां गंगा की उत्सव डोली मुखिमठ से रवाना, कल खुलेंगे गंगोत्री- यमुनोत्री धाम के कपाट।।
मां गंगा की डोली गंगोत्री के लिए हुईं रवाना, रात्रि विश्राम भैरव घाटी में करेंगी।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी 09, मई। माँ गंगा जी की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखीमठ मुखवा से गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान कर दी है। वीरवार को सवा बारह बजे दिन मां गंगा की उत्सव डोली मुखवा गांव से रात्रि भैरव घाटी विश्राम के लिए रवाना हुए हैं। शुक्रवार को 10 मई को अक्षय तृतीया को विधिविधान से माँ गंगा के कपाट श्रद्धालुओं व दर्शनार्थियों के लिए अगले छः माह के लिये खुल जाएंगे।
वीरवार को मां गंगा की डोली अपने शीतकालीन प्रवास (मुखीमठ )मुखवा गाँव से ठीक 12.15 बजे मां गंगा की उत्सव डोली आर्मी बैंड के धुन के साथ हजारों श्रद्धालु मां गंगा की जय जयकारों के नारे के साथ गंगोत्री के लिए रवाना हुए हैं। उत्सव डोली यात्रा रात्रि विश्राम भैरव घाटी में करेगी। शुक्रवार सुबह गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी।
गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि शनिवार को सुबह मां गंगा की पूजा-अर्चना होगी। पारंपरिक वाद्य यंत्रों और आर्मी बैंड की धुन पर श्रद्धालुओं के साथ मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री पहुंचे गी। गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम के साथ विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दोपहर 12:25 बजे गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे।
उधर राजेश सेमवाल पांच मंदिर समिति सदस्य ने बताया कि मां गंगा के कपाट खुलने की तैयारी जोरों पर है गंगोत्री मंदिर फूल मालाओं से दुल्हन की तरह सजाया गया।
उधर विश्वप्रसिद्ध श्री यमुनोत्री धाम गंगोत्री धाम के कपाट 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर 10:29 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे।
इस दौरान पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, अध्यक्ष हरिश सेमवाल,महेश सेमवाल कोषाध्यक्ष गंगोत्री मंदिर समिति, अशोक सेमवाल, सत्ये सिंह राणा, सहित श्री पांच मंदिर समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे हैं।
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गंगोत्री रथ यात्रा टायँ-टायँ फ़िश!
उत्तरकाशी। गंगोत्री मंदिर समिति को भगवान सोमेश्वर देवता ने झटका देते हुए गंगा जी के उत्सव डोली को रथ पर बैठाने के लिए इन्कार कर दिया है जिससे रथ बैरंग लौटा दिया गया है। बता दें कि पहली बार गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष ने सनातनी गंगा फाऊंडेशन हरिद्वार के सहयोग से इस बार पूरानी परंपरा को दरकिनार कर मां गंगा की उत्सव डोली को रथ यात्रा के द्वारा भैरव घाटी पहुंचाने का प्लान बनाया था। लेकिन भगवान सोमेश्वर देवता ने इसका विरोध किया ओर पारंपरिक तरीके से मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई।
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मुखबा गांव में गंगा जी के विदाई बेटी की करते तीर्थ पुरोहित
उत्तरकाशी 09, मई। मां गंगा जी की उत्सव डोली वीरवार को पूर्वाह्न सवा बारह बजे अपने शीतकालीन प्रवास मुखिमठ से गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया गया है। मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव में तीर्थ पुरोहित सदियों से गंगा जी की विदाई एक बेटी की तरह करते आ रहे है। गांव की महिलाएं बीते दिनों से मां गंगा की विदाई की तैयारी एक बेटी ससुराल की तैयारियों जैसे जुटी रहीं।
बता दें कि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 10 मई को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
गंगा के शीतकालीन प्रवास वाले मुखबा गांव में बुधवार से खासी चहल-पहल रही। मुखबा स्थित गंगोत्री मंदिर परिसर के कक्ष में तीर्थ पुरोहितों ने बैठक कर डोली यात्रा की रूपरेखा तैयार की। अब मुखवा गांव के तीर्थ पुरोहित का इंतजार रह बेटी के मायके की तरह आने का गंगा जी की उत्सव डोली का इंतजार रहेगा।