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पर्यटन विभाग ने  सूतडी -सरूताल को किया ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित‌।।

By sarutalsandesh.com Aug 22, 2024

पर्यटन विभाग ने  सूतडी -सरूताल को किया ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित‌।।

2 सितंबर को पहला जत्था होगा रवाना, 150 ट्रैकर्स लेंगे हिस्सा –

उत्तरकाशी। उत्तराखंड शासन  ने सरबडियार  सरनौल-सूतड़ी सरूताल लगभग 26 किमी लंबे ट्रेक को ट्रैक ऑफ द ईयर किया घोषितकर दिया है। 2 सितंबर को पहला जत्था रवाना होगा जिसमें  150 ट्रैकर्स हिस्सा लेंगे
समुद्रतल से लगभग 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सरूताल को ट्रैक ऑफ ईयर घोषित किया है। इससे क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर है। बता दें कि सरबडियार सरनौल सूतडी -सरूताल ट्रैक क्षेत्रीय लोगों की मांग पर पर्यटन विभाग ने ट्रैक ऑफ द ईयर किया घोषित किया है। आगामी 2 सितंबर को पहला दल रवाना होगा।
साहसिक खेल अधिकारी मो अली खान ने बताया शासन के निर्देश पर सरूताल के लिए दो सितंबर को पहला दल रवाना किया जाएगा। इस ट्रैक पर पहुंचने वाले पहले 150 ट्रैकर्स को प्रदेश सरकार की ओर से 2000 की सब्सिडी भी दी जाएगी।
30 नवंबर तक पहले पहुंचने वाले 150 ट्रैकर्स को सब्सिडी दी जाएगी। उन्हें टी शर्ट और कैप भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।

उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के लोग सरूताल को विकसित करने और इस पर्यटक स्थल को पर्यटन के मानचित्र पर लाने की मांग कर रहे हैं। जिससे देश-विदेश से आने वाले ट्रेकिंग के शौकीन यहां पहुंच सकें। अकेले सरूताल के आसपास पांच और ताल स्थित हैं, जिनमें बकरिया ताल, रतेड़ी ताल आदि शामिल हैं। इस के लिए क्षेत्र का एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात किया था।

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सरूताल में वनपरियां करती नित्य  स्नान:

यूं तो देव भूमि के कण -कण में भगवान का वास है अपने धार्मिक महत्व और पूरे राज्य में फैले तीर्थ स्थलों सहित असंख्य हिंदू मंदिरों के कारण, उत्तराखंड को आमतौर पर “देवभूमि” कहा जाता है, जिसका अर्थ है “देवताओं की भूमि।” उत्तराखंड के हिमालय, भाबर और तराई क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। इन में से एक
सरूताल बुग्याल भी जहां  आक्षरी मात्री (वनपरियां ) ब्रह्ममुहूर्त में  स्नान कर नृत्य करती है । सरनौल  क्षेत्र के भेड़पालकों की मान्यताएं हैं कि इस पवित्र झील में वनपरियां ब्रहमूहूर्त में स्नान करती हैं। यहां पहुंचने के लिए राजधानी देहरादून लगभग 120 किलोमीटर के बाद बड़कोटशहर पड़ता  है बड़कोट से 40 किलोमीटर पक्की सड़क मार्ग से महे डेढ़ घंटे में सरनौल गांव पहुंचा जा सकता है सरनौल में प्राचीन रेणुका मंदिर है जो एक सिद्ध पीठ है सरनौल एक अति रमणीक स्थान है यहां रहने व लोकल भोजन की  परोसा जाता है जो पंच सितारा होटल के खाने को मात देता है।
सरनौल सरूताल ट्रैक का बेस कैंप है यहां से घोड़े खच्चर, गाईड सब मिल जाते हैं। सरनौल गांव  से लगभग के लिए वाहन और उसके बाद 10 किमी पैदल दूरी तय कर सूतड़ी पहंचते हैं। जहां रात्री विश्राम कर अगले दिन भुजलाताल होते हुए फांचो कांडी होते हुए सरूताल पहुंचा जाता है। यहां पर उच्च हिमालयी क्षेत्र की ऊंची चोटियों के साथ ही बरसात में घने कोहरे के बीच ब्रहमकमल से घिरी घाटी बहुत ही खूबसूरत लगती हैं।

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