राष्ट्रीय युवा दिवस पर “हर्षिल घाटी सेवा मिशन” एनजीओ का गठन।।
शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और युवाओं के सशक्तिकरण के लिए करेगा कार्य
उत्तरकाशी : राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर सीमांत क्षेत्र हर्षिल घाटी के विकास और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई।
रविवार को उत्तरकाशी में आयोजित एक बैठक में “हर्षिल घाटी सेवा मिशन” नामक संस्था का गठन किया गया। यह संगठन क्षेत्र के ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और युवाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करेगा।
हर्षिल घाटी के कई गांव केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत आते हैं। इस योजना का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और पलायन रोकना है। हर्षिल घाटी सेवा मिशन इस योजना के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के साथ स्थानीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने और युवाओं को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का काम करेगा।
बैठक में उपस्थित युवा नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पहल को सीमांत गांवों के लिए एक नई उम्मीद बताया। संगठन का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करना, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता अभियान चलाना है।
संगठन के सदस्यों ने कहा,
“सीमांत क्षेत्र के गांवों को जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह एनजीओ एक बड़ा कदम है। हम सभी मिलकर पलायन रोकने, गांवों को सशक्त करने और क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करेंगे।”
“हर्षिल घाटी सेवा मिशन” का गठन न केवल स्थानीय समस्याओं के समाधान में सहायक होगा, बल्कि सीमांत क्षेत्रों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
संगठन की प्राथमिक कार्ययोजनाओं पर चर्चा करते हुए यह तय किया गया कि यह एनजीओ सरकारी योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने और युवाओं को इन योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए कार्य करेगा।
हर्षिल घाटी का यह सीमांत क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत यहां के गांवों को समृद्ध और सशक्त बनाना आवश्यक है, ताकि सीमा पर बसे गांव सुरक्षित, खुशहाल और आत्मनिर्भर बन सकें।
“हर्षिल घाटी सेवा मिशन” सीमांत क्षेत्रों की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में एक नई शुरुआत का प्रतीक है।