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माघ मेला की तैयारी पूरी, कल होगा माघ मेला का आगाज

By sarutalsandesh.com Jan 13, 2025
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भारत तिब्बत व्यापार से जुडा माघ मेला , जानिए इसका पौराणिक  ऐतिहासिक महत्व।।

चिरंजीव सेमवाल

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के धार्मिक एवं पौराणिक  माघ मेले का आगाज  14 जनवरी से होने जा रहा हो  है। इस आठ दिवसीय माघ मेले का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं में यह मेला महाभारत काल से जुड़ा है। वहीं, ऐतिहासिक महत्व यह है कि यह मेला भारत और तिब्बत के व्यापार का साक्षी रहा है
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पौराणिक और ऐतिहासिक माघ मेले  मंगलवार मकर संक्रांति से शुरू हो ने जा रहा है।
“बाडाहाट कू थौलू “का पुरातन काल में ये मेला तिब्बत और भारत के व्यापार का केंद्र रहा है।  इस मेले में जिले भर के ग्रामीण आकर मेल मिलाप कर मेले का आनंद लेते हैं।
काशी विश्वनाथ नगरी उत्तरकाशी के प्रसिद्ध माघ मेले (बाड़ाहाट कू थौलू) का आगाज  14 जनवरी से होने जा  रहा है‌।  आठ दिवसीय इस माघ मेले का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है।धार्मिक मान्यताओं में यह मेला महाभारत काल से जुड़ा है। वहीं, ऐतिहासिक महत्व यह है कि यह मेला भारत और तिब्बत के व्यापार का साक्षी रहा है। जिला पंचायत हर साल इस मेले का आयोजन करता आ रहा है। लेकिन 1962 के भारत चीन युद्ध के बाद ये भारत और तिब्बत के व्यापार भी बंद हो गया था।
माघ मेले का पौराणिक नाम बाड़ाहाट कू थौलू है। बाड़ाहाट का अर्थ बड़ा हाट यानी बड़ा बाजार है। बाड़ाहाट में आजादी से पहले तिब्बत के व्यापारी यहां सेंधा नमक, ऊन, सोना जड़ी-बूटी, गाय, घोड़े बेचने के लिए आते थे।उस समय यह मेला एक माह तक चलता था। तिब्बत के व्यापारी यहां से धान, गेहूं लेकर वापस लौटते थे।
इस मेले में टिहरी और उत्तरकाशी के ग्रामीण अपने देवताओं के साथ आते थे। गंगा स्नान के साथ-साथ खरीददारी भी करते थे।उत्तरकाशी का माघ मेला राजशाही के नियंत्रण में था। राजशाही के समय इस माघ मेले में तिब्बत से आने वाले व्यापारियों का हिसाब-किताब रखने के लिए अंतिम मालगुजार मुखबा निवासी पंडित विद्यादत्त सेमवाल थे। ये तिब्बत के व्यापारी टिहरी राज दरबार तक सामान पहुंचाते थे।

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कंडार देवता और हरि महाराज का ढोल के सानिध्य में होगा कल होगा माघ मेला का आगाज।।

उत्तरकाशी। बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी उत्तरकाशी के प्रसिद्ध माघ मेले (बाड़ाहाट कू थौलू) का 14, जनवरी मंगलवार  को यहां के आराध्य कंडार देवता और हरि महाराज का ढोल के सानिध्य में  मुख्य विकास अधिकारी   आदि शुभारंभ करेंगे।
गौरतलब है कि आठ दिवसीय  पौराणिक माघ मेले में स्थानीय कलाकारों एवं नामचीन कलाकरों की स्टार नाइट से माघ मेला बड़े धूमधाम से होगा। इस में स्थानीय कलाकारों सहित बड़े कलाकार नरेंद्र सिंह नेगी, प्रीतम , ओम बंधानी , महेंद्र सिंह चौहान, रेशमा शाह, हिमाचल के सुप्रसिद्ध गायक कुलदीप शर्मा, विक्की चौहान सरनौल के सुप्रसिद्ध पांडव नृत्य आदि कलाकारों की स्टार नाइट होंगी।

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  1. माघ मेला की तैयारी पूरी, कल होगा माघ मेला का आगाज।।

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी का ऐतिहासिक व पौराणिक माघ मेला का आगाज 14 जनवरी से शुरू हो जायेगा। माघ मेला(बाडाहाट कू थौलू) का इस बार  भव्य आयोजन किया जाएगा। आयोजक जिला पंचायत ने माघ मेले को लेकर  तैयारियां पूरी कर दी है।    उप जिलाधिकारी/अपर मुख्य अधिकारी मुकेश चन्द्र रमोला ने मेले से जुड़ी सभी व्यवस्था दुरूस्त करने  के लिए स्वयं रामलीला मैदान में पहुंच कर आवश्यक निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि आगामी 14 जनवरी से मकर संक्रांति के पर्व पर शुरू होने वाले माघ मेला (बाडाहाट कू थौलू) की समुचित तैयारी पूरी है। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम कर दिये गये हैं।
इधर मेला नोडल अधिकारीयों  ने बताया कि  मेले परिसर में पुलिस कंट्रोलरूम एवं सीसीटीवी कैमरे स्थापित किया गया है। मेले में प्रवेश-निकासी द्वार अलग से बनाने के निर्देश दिए गए ताकि आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा जनमानस को न हो। वहीं पार्किंग स्थलों, को भी चिन्हित किया गया। उन्होंने कहा है कि माघ मेला के दौरान पुलिस पूरी तरह से मस्तित रहेगी। उन्होंने कहा है कि असामाजिक तत्वों पर भी पुलिस की कड़ी नजर रहेगी।
वहीं सिंचाई विभाग को स्नान घाटों की समुचित व्यवस्था करने की निर्देश दिए हैं।

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माघ मेले में रहेगा आचार संहिता का साया, सीडीओ को बनाया मेला प्रशासक

उत्तरकाशी : 14 जनवरी से मकर संक्रान्ति के शुभ पर्व पर आयोजित पौराणिक माघ मेला-2025 का आगाज हो जायेगा । इस बार निकाय चुनाव की आचरण संहिता प्रभावी होने के कारण जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने राज्य निर्वाचन के दिशा निर्देशों पर आदर्श आचार संहिता का कडाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने माघ मेला संचालन के लिए मुख्य विकास अधिकारी उत्तरकाशी 
एस०एल० सेमवाल को मेला प्रशासक के रूप में नियुक्त किया है। मेला प्रशासक के सहयोग के लिए 14 अधिकारियों को 
विभिन्न व्यवस्थाओं के सुचारू  संचालन कराये जाने हेतु निम्नानुसार अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी नामित करते हुए दायित्व सौपें गय है।  मेले में सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छता, यातायात प्रबंधन, जल और बिजली आपूर्ति की व्यवस्था के लिए
पुलिस अधीक्षक श्रीमती सरिता डोबाल,पी०एल० शाह, अपर जिला मजिस्ट्रेट, उत्तरकाशी,मुख्य चिकित्साधिकारी,अमित ममगाई, खण्ड विकास अधिकारी, भटवाड़ी,दिनेश जोशी, खण्ड विकास अधिकारी, डुण्डा, जिला समाज कल्याण अधिकारी आदि अधिकारियों को नामित किया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि नगर निकाय चुनाव के चलते आदर्श आचरण आदर्श आचार संहिता का कड़ाही से पालन हो इसमें मेल के  मुख्य अतिथि किसी भी राजनीतिक दलों व जनप्रतिनिधियों  नहीं बना सकेंगे।

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मकर संक्रांति है बहुत ही पुण्यदायी, इस दिन स्नान-दान का है विशेष महत्व
सूर्य धनु राशि का भ्रमण पूर्ण कर मकर राशि में प्रवेश को उद्यत होता है, उसी काल को  मकर संक्रांति कहा जाता ।।

मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं और धरती पर प्रकाश का प्रभाव बढ़ जाता है। यह तमसो मा ज्योतिर्गमय की यात्रा है। जब उन्नति उत्तम विचारों सात्विकता कर्तव्यपालन त्याग सत्य दया क्षमा आदि की ओर हम प्रवृत्त होते हैं तब मानना चाहिए कि हम उत्तरायण की यात्रा पर चल पड़े हैं।  ज्योतिष चक्र में कुल बारह राशियां हैं। प्रत्येक राशि में एक महीने तक सूर्य का भ्रमण होता है। जिसे सौर राशि भी कहा जाता है। इस तरह सूर्य कुल 12 महीनों में संपूर्ण राशि चक्र की परिक्रमा पूर्ण करता है। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को संक्रांति कहा जाता है। जब सूर्य धनु राशि का भ्रमण पूर्ण कर मकर राशि में प्रवेश को उद्यत होता है, उसी काल को मकर संक्रांति कहा जाता है।

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