उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक महासू देवता मार्ग पर
है ‘खूनी गाड़’
है ‘खूनी गाड़’
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी : जिले के मोरी ब्लॉक में ‘खूनी गाड़’ का नाम बदलने की मांग उठने लगी है।पर्यावरण एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश भाई ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि खूनी गाड़ शब्द किसी हिंसा से कम नहीं इस लिए इसका नाम लक्ष्मण गाड़ रखा जाय।
बता दें कि उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक से महासू देवता की प्रसिद्ध तीर्थ स्थली हनोल मंदिर की तरफ जाने वाले मोटर मार्ग पर अनेकों गाड़-गदेरे टौंस नदी में मिल रहे हैं, जिसमें एक ‘खूनी गाड़ भी है। इसका कैचमेंट एरिया उत्तरकाशी के ढाकड़ा गांव की पीछे वाली पहाड़ी से है। रास्ते में इसका बोर्ड भी लगा हुआ है। जो आमजन को असहज कर देता है। यह क्षेत्र ऐसा है जहां मनुष्यों की सीमित आवाजाही नहीं है। यहां से हर रोज मोरी और पुरोला के लिए हिमाचल से बस सेवाएं भी गुजरती हैं।
सुरेश भाई ने पत्र में कहा कि “खूनी गाड़’ शब्द किसी हिंसा से कम नहीं है। पता नहीं ऐसा नाम इस गाड़ का क्यों रखा गया होगा। वैसे भी इस स्थान के बारे में कहते हैं कि जब किसी जमाने में वनों को काटकर सिल्परों को टौंस नदी के बहाव से होकर विकास नगर तक पहुंचाया जाता था। उस समय यह स्थान ऐसा था जहां पर ठेकेदारों के साथ पुराने मजदूर अपना चुकता हिसाब ले लेते थे और फिर यहां से आगे नये मजदूर शामिल हो जाते थे। और भी कई सारी दंत कथाएं होगी और पुराने आंकड़ों के आधार पर भी पता लगाएंगे तो यहां पर नाम के अनुसार अनेक उदाहरण मिलते हैं। ‘खूनी गाड़ के तट पर 5-6 लोगों की छोटी-छोटी दुकानें भी हैं।