सरकार बोली: 15 जुलाई तक होंगे चुनाव,कार्यक्रम घोषित होने का इंतजार ।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी: हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों की त्रिस्तरीय पंचायतों में उत्पन्न संवैधानिक संकट से पार पाने के बाद अब पंचायत चुनाव सरकार के लिए मानसून बड़ी चुनौती बन सकती हैं। यद्यपि, सरकार कह चुकी है कि पंचायत चुनाव जल्द होंगे, लेकिन अभी चुनाव कार्यक्रम घोषित होने का इंतजार है।
गौरतलब है कि 7499 ग्राम पंचायतों 89 क्षेत्र पंचायतों और 12 जिला पंचायतों में सरकार ने आदेश लाने के बाद प्रशासक का कार्य काल तो बढ़ा दिया है। अब सरकार ने आरक्षण के की स्थिति भी साफ कर दी है। अब पंचायत चुनाव,कार्यक्रम घोषित होने का इंतजार है। सूत्रों की मानें तो 23 जून के बाद कभी भी पंचायत चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है।
लेकिन जुलाई माह में राज्य के उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, चमोली, रूद्रप्रयाग, समेत कुमाऊं मंडल के कुछ जनपद आपदा की लीहाज से अति संवेदनशील है ऐसे में मानसून सीजन सरकार की दुश्वारियां बढ़ा सकती है।
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2024 के आखिर में पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी चुनाव की स्थिति नहीं बन पाई। प्रशासकों का छह माह का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है। परिणामस्वरूप पंचायतों को संवैधानिक संकट का सामना करना पड़ था है। हालांकि सरकार ने विशेष अध्यादेश जारी कर प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया है। इस परिदृश्य में तंत्र की हीलाहवाली भी कम जिम्मेदार नहीं है। जब यह मालूम है कि अमुक तिथि को पंचायतों का कार्यकाल खत्म होना है तो क्यों नहीं उससे पहले चुनाव को लेकर कदम उठाएऐ ?
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क्या कहते हैं पंचायतीराज सचिव उत्तराखंड
प्रत्येक जनपद में चुनाव में कितनी मशीनरी लगनी है ये सब जिलाधिकारी/जिलानिवार्चन अधिकारी तय करते हैं। जहां तक पंचायत चुनाव करवाने की बात है सरकार ने तय कर लिया है कि 15 जुलाई तक चुनाव संपन्न करवाया लिया जियेगा। जुलाई शुरूवात में बारिश कम होती है वहीं जुलाई शुरूवात में आमुमन आपदा इतना ज्यादा नहीं आती बल्कि जुलाई के बाद आती है।
चंद्रेश कुमार
सचिव पंचायतीराज
उत्तराखंड