‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार,’ जनता की स्वास्थ्य व्यवस्था हिमाचल के भरोसे
उत्तरकाशी : राज्य सरकार भले करोड़ रुपए खर्च कर ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान
का ढोल पीटने में लगी हो लेकिन जनपद के आराकोट के 25 गांव की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पड़ोसी राज्य हिमाचल के भरोसे चल रही है।
शनिवार को जन जन की सरकार आराकोट पहुंच कर जनता की समस्याएं सुनी ,लेकिन आराकोट की ग्राम प्रधान निर्मला देवी का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो से प्रदेश सरकार के जन जन की सरकार जनता के द्वारा और रजत जयंती समारोह की पौल खोलने के लिए काफी है।
आराकोट की ग्राम प्रधान बता रही कि क्षेत्र के 25 गांव की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के रोहडू पर निर्भर है। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी जिले के स्वस्थ्य केन्द्रों में जुखाम और लुज मौसम की दवा नहीं इसके लिए हमें मिलों दूर हिमाचल प्रदेश का रूख करना पड़ता है।
इधर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष मनीष राणा ने अपने फैस बुक पेज पर लिखा है कि धामी सरकार की ज़मीनी सच्चाई जनता के सामने रख दी है।
सरकारी विज्ञापनों और झूठे दावों से अलग, पहाड़ की हकीकत आज भी बदहाली, उपेक्षा और लाचार व्यवस्था की कहानी कह रही है।
धामी जी, आखिर कब तक झूठा प्रचार करोगे?
कागज़ों में विकास, पोस्टरों में उपलब्धियां और हकीकत में जनता की पीड़ा क्या यही आपकी “डबल इंजन सरकार” का मॉडल है?
आज पूरे उत्तरकाशी जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में न डॉक्टर हैं, न दवाइयां, न जांच की सुविधा।
छोटे-छोटे इलाज के लिए भी मरीजों को मिलों दूर भेजा जाता है।
आपदा और आपात स्थिति में तो हालात और भी भयावह हो जाते हैं।
आराकोट हो या मोरी, पुरोला हो या धराली हर जगह जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
सरकार के वादे हवा में हैं और जनता ज़मीन पर जूझ रही है।
अब सवाल सिर्फ विकास का नहीं,
जनता की ज़िंदगी, स्वास्थ्य और सम्मान का है।


