फिर विवादों से घिरी सिलक्यारा टनल, अब श्रमिक बैठे अनशन पर।
बीते साल टनल में फंसे श्रमिकों का रेस्क्यू अभियान, होटलों का भुगतान करना भूल गई कंपनी।।
सिलक्यारा 08, मई । बहुचर्चित सिलक्यारा निमार्णाधीन टनल एक बार फिर विवादों में है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाली निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल एक बार फिर से विवादों के घेरे में है। अब टनल के मुहाने पर श्रमिकों ने अनशन शुरू कर दिया है जबकि कुछ श्रमिको ने प्रोजेक्ट मैनेजर के कार्यालय में बोनस फंडिंग को लेकर हंगामा काटा है। उधर बौखनाग मंदिर को लेकर ग्यूनोटी और वाण गांव के लोग पिछले लंबे समय से आक्रोशित हैं क्योंकि जब टनल में 41 मजदूर जिंदगी की जंग लड रहे थे तो बौख नागराजा ने अपनी कृपा दिखाकर उन मजदूरों को 17 दिन बाद बाहर का रास्ता दिखाया था। कुल मिलाकर सिलक्यारा टनल विवादों से घिरी हुई है और अब होटल व्यवसाय से जुड़े लोग भी कंपनी के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि जब सिलक्यारा टनल में आपरेशन जिंदगी की जंग चल रही थी तो उस दौरान स्थानीय होटल व्यवसायियों ने शासन प्रशासन और मीडिया की मदद की थी और उसके लिए रहने व खाने की व्यवस्था की थी मगर आठ महीने बीत जाने के बाद भी उनका करोड़ों का बिल बकाया भुगतान उन्हें नहीं चुकाया है।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी को दिये गये अल्टीमेटम में श्रमिक उपेन्द्र लाल, मनोज, संजय, प्रकाश, अनिल, रामकृष्ण ने हवाला देते हुए बताया कि वे टनल की कार्यदाई संस्था नवयुगा कंपनी में श्रमिक के तौर पर 2019 से कार्यरत थे और अब उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया जिससे वै बेरोजगार हो गये है जिसके लिए वै भूख-हड़ताल पर बैठने को मजबूर हुये है और आज से इन सभी मजदूरो ने सुंरग के मुहाने पर अनशन आन्दोलन शुरू कर दिया इसकी सूचना मिलते ही राजस्व और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे और शांति बनाए रखने के प्रयास में जुट गये । उधर कंपनी के कुछ और श्रमिक भी बोनस फंडिंग को लेकर प्रोजेक्ट मैनेजर के कार्यालय के बाहर हंगामा करने लगे मजदूरों का आरोप है कंपनी ने कुछ मजदूरों को बौनस दिया और कुछ को बौनस का लाभ नहीं दिया जो कि गलत है। उनकी मांग थी कि सबको एक समान लाभ मिले और जब तक सबको इसका लाभ नहीं मिलता तब तक कंपनी में काम नहीं होगा हालांकि प्रोजेक्ट मैनेजर ने उनकी बात को जायज बताते हुए उन्हें भी समान लाभ दिये जाने आश्वासन दिया। इसके अलावा बौखनाग मंदिर निर्माण और होटल व्यवसायियों का पेंडिंग बिल भी कंपनी के लिए गले की फास बन सकती है।
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क्या कहना है जिला प्रशासन का
ग्रामीणों द्वारा टनल में शांति प्रिया ढंग से धरना -प्रदर्शन किया गया है । इस मामले में कंपनी प्रबंधन से वार्ता की जा रही है जल्द इसका निस्तारण करवाया
जाएगा।
नवाजिश खलीक
उपजिलाधिकारी
डुंडा,उत्तरकाशी।