जयकारों के साथ बाबा बौखनाग देवता के मंदिर के कपाट खुले।।
बाबा बौखनाग गर्भगृह से निकले बाहर, श्रद्धालुओं को दिया दर्शन
भाटिया गांव की ध्याणियों ने बौख नाग देवता को
चढ़ाया आठ तोला सोना का छत्र।।
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी 14, जून। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 14 जून शुक्रवार को विधि विधान के साथ सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में रवांई घाटी के आराध्य बाबा बौखनाग देवता के मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं।
आज अपराह्न जयकारों के साथ बाबा बौखनाग अपने भाटिया गांव स्थित मंदिर से विधि विधान के साथ गर्भगृह से दर्शनार्थ बाहर निकले। इस दौरान देवता के पश्वा संजय डिमरी ने भक्तों को आशीर्वाद दिया।
शुक्रवार को मंदिर से बाहर निकलने के बाद बौखनाग की पालकी ने ढोल बाजों के साथ बाहर निकली। भाटिया गांव में शनिवार को मेला का आयोजन होगा उसके बाद रविवार को देवता की पालगी कंसेरु, चक्र, उपराडी, पौल गांव, साड़ा, कृष्णा, कुण्ड आदि गांव में रात्रि प्रवास करेगी और इन गांवों में हर्षोल्लास के साथ मेलों का आयोजन किया जाएगा। डेढ़ सप्ताह तक चलने वाली मेलों की यह शृंखला कुण्ड गांव में समाप्त होगी और उसके बाद बाबा बौखनाग की पालगी भाटिया में विश्राम करेगी। सावन के महीने भंडारे के साथ बाबा बौखनाग कंसेरु गांव में बने मंदिर के गर्भगृह में एक वर्ष के लिए विराजमान हो जाएंगे।इस दौरान गांव ध्याणियों (बेटियों)ने बाबा बौख नाग देवता को आठ तोला के सोने का छत्र चढ़ाया है।
कपाट खुलने के अवसर पर समिति के अध्यक्ष जयेंद्र रावत, गोलू डोभाल, प्रधान भाटिया प्रथम गीता डिमरी प्रधान , श्याम डोभाल, अजय पाल, वीरेंद्र पंवार , पूर्व पालिकाध्यक्ष अतोल रावत, विजेंद्र सिंह रावत, डॉ कपिल देव रावत, आज़ाद डिमरी,घनानंद बिजल्वाण सहित भारी संख्या में भक्त मौजूद रहे।