- चिरंजीव सेमवाल/उत्तरकाशी। यमुनोत्री एन एच पर निमार्णधीन सिल्क्यारा पर 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने वाले दिल्ली के वाले रैट माइनर वकील हसन के दिल्ली के ख़जूरीखास इलाके में स्थित घर पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने बुलडोज़र चला दिया है।
गौरतलब है कि पिछले साल जब सिल्क्यारा निर्माणाधीन टनल में 41श्रमिक फंस गये और अमेरिका ऑगर ड्रिलिंग मशीन ने पहाड़ के आगे घुटने टेक दिए थे तब दिल्ली से रैट माइनर वकील हसन की टीम ने 26-30 घंटों में टलन को अपने हाथों से खोदकर श्रमिकों को सकुशल रेस्क्यू किया था। उस समय रैट माइनर वकील हसन की टीम देश दुनिया भर में हीरो बनकर उभरे थे।
डीडीए के मुताबिक़ ये घर जिस ज़मीन पर बना था वो सरकारी ज़मीन थी, लेकिन वकील हसन का दावा है कि उन्हें इस कार्रवाई से पहले कोई नोटिस नहीं मिला था।
वक़ील हसन के मुताबिक़, सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाकर पुलिस उन्हें थाने में भी ले गई और घंटों बिठाया।
वक़ील हसन ने कहा कि उनके पूरे परिवार ने रात फुटपाथ पर बैठकर गुज़ारी और पड़ोसियों ने उन्हें खाना दिया।
कहते हैं, “जब घर तोड़ा जा रहा था तो मेरी पत्नी घर पर नहीं थी। मेरे बच्चे बस मौजूद थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा भी कि हमारे पापा ने उत्तरकाशी में मज़दूरों को बचाया है, आप हमारा घर मत तोड़ो.”
वकील हसन के मुताबिक़ कुछ महीनों पहले जब हम लोगों ने मिलकर टनल से मज़दूरों को निकाला था तो पूरे देश ने हमें हीरो बनाया और आज मेरे साथ ये सलूक हुआ।
दावा करते हैं कि जब तक उनके साथ इंसाफ़ नहीं होगा वे अनशन पर बैठेंगे।
उन्होंने कहा कि इस इलाक़े में और भी कई घर हैं लेकिन बार-बार उन्हें ही टारगेट कर डीडीए के अधिकारी पैसों की मांग करते रहते थे।
वकील हसन का कहना है, “कुछ वक़्त पहले जब यहाँ के सांसद मनोज तिवारी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आए थे तो मैंने उनसे कहा था कि इस समस्या को सुलझाएं तो उन्होंने मुझसे वादा किया था कि तुम्हारा मक़ान कहीं नहीं जाएगा. मैं 14 सालों से यहां रह रहा था.”।
वकील हसन ने कहा कि ये मकान उन्होंने 38 लाख रुपए में भगवती नाम की महिला से ख़रीदा था।
डीडीए ने मीडिया को बयान जारी करते हुए कहा, “28 फ़रवरी को ख़जूरी ख़ास इलाक़े में डीडीए की ज़मीन पर हुए अतिक्रमण को हमने हटाया. ये ज़मीन हमारी डेवलपमेंट लैंड का हिस्सा थी।
पुलिस के मुताबिक़ उस इलाक़े में कई अवैध घरों को इस दौरान ढहाया गया हालांकि वहां मौजूद बीबीसी संवाददाता सेराज अली का कहना है कि वकील हसन के घर को छोड़कर कहीं भी इलाके में बुलडोजर की कार्रवाई नहीं दिखाई देती।
सिल्क्यारा टनल में 41 श्रमिकों को बचाया, ये मिला इनाम रैट माइनर वकील हसन को।।


